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7,000 रुपये की SIP आपको दिला सकती है 8 लाख रुपये की पेंशन, जानिए कैसे
Renuka Sahu
4 Dec 2021 3:22 AM GMT
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फाइल फोटो
पिछले कुछ वर्षों में भारत में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान रूट के जरिए इक्विटी फंडों में निवेश को बढ़ाया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले कुछ वर्षों में भारत में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) रूट के जरिए इक्विटी फंडों में निवेश को बढ़ाया है. इससे, यह पता चलता है किपिछले कुछ वर्षों में एक निवेश टूल के रूप में एसआईपी में रिटेल निवेशकों का विश्वास बढ़ा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड में एसआईपी आपके रिटायरमेंट के लिए बड़ी रकम जमा करने का सबसे अच्छा तरीका है. 20-30 वर्षों की अवधि में, एक एवरेज इक्विटी म्यूचुअल फंड से अर्थव्यवस्था में सामान्य मुद्रास्फीति दर की तुलना में 5-6 फीसदी ज्यादा रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है.
अगर कोई व्यक्ति अपने रिटायरमेंट फंड को जमा करने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करता है, तो वह यह सुनिश्चित कर सकता है कि उसका रिटर्न मुद्रास्फीति से आगे रहे और पॉजिटिव रियल रिटर्न जनरेट करे.
हर साल 10 फीसदी बढ़ाएं निवेश
युवाओं को एक बड़ा कोष जमा करने के लिए स्टेप-अप एसआईपी करना चाहिए, जहां एसआईपी राशि हर साल एक निश्चित प्रतिशत या राशि से बढ़ जाती है. आय के अनुपात में खर्च नहीं बढ़ता है. इसलिए अगर किसी व्यक्ति की आय में हर साल 3-4 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो भी वह अपनी एसआईपी निवेश राशि को हर साल 10 फीसदी बढ़ा सकता है.
इस नियम के आधार पर अगर कोई व्यक्ति 25 वर्ष की आयु से 10 फीसदी एनुअल स्टेप अप के साथ 7,000 रुपये का एसआईपी शुरू करता है और इसे 60 वर्ष की आयु तक जारी रखता है, तो वह 12 फीसदी की रिटर्न के हिसाब से 11.10 करोड़ रुपये का एक फंड जमा कर सकता है.
रिटायरमेंट के लिए रेग्युलर मंथली इनकम ऐसे जनरेट करें
इस रकम का उपयोग रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन आय जनरेट करने के लिए किया जा सकता है. हालांकि, रिटायरमेंट से कम से कम तीन साल पहले इसके लिए योजना बनानी होगी. किसी को रिटायरमेंट के बाद के अपने तीन साल के खर्च के बराबर राशि इक्विटी फंड से निकालने की जरूरत है और उस राशि को सेवानिवृत्ति से पहले पिछले तीन वर्षों में धीरे-धीरे एक लिक्विड फंड में जमा करना होगा ताकि रिटायरमेंट के बाद वह लिक्विड फंड से हर महीने एक निश्चित राशि निकाल सकते हैं. बाकी रकम को रिटायरमेंट के बाद भी बढ़ने के लिए इक्विटी फंड में छोड़ सकते हैं.
ध्यान देने की बात यह है कि डेट म्यूचुअल फंड से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (निवेश के तीन साल बाद बुक किए गए प्रॉफिट) पर इंडेक्सेशन के बाद 20 फीसदी की समान दर से टैक्स लगता है.
मान लें कि इक्विटी फंड में पड़ी राशि आपकी रिटायरमेंट के बाद 10 फीसदी सीएजीआर जनरेट करती है, आप रिटायरमेंट के बाद अपने मासिक खर्चों को पूरा करने के लिए प्रत्येक लिक्विड फंड में 98 लाख रुपये तक ट्रांसफर कर सकते हैं. इसका मतलब है कि भले ही आपका मासिक खर्च बढ़कर 8 लाख रुपये हो जाए, आपकी बचत उस खर्च को सपोर्ट कर सकती है.
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