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भारतीय अर्थव्यवस्था के महामारी के असर से बाहर निकलने के संकेत मिल रहे हैं
भारतीय अर्थव्यवस्था के महामारी के असर से बाहर निकलने के संकेत मिल रहे हैं. अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाले 22 हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर में से 19 अब कोविड से पहले के स्तर से भी ऊपर पहुंच चुके हैं. देश में पहले कोविड मामले की रिपोर्ट मिलने के साथ ही सरकार लगातार इन इंडीकेटर पर नजर रख रही है जिससे अर्थव्यवस्था पर महामारी के असर और सरकार के द्वारा लिये गये फैसलों के प्रभाव को समझा जा सके. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब अर्थव्यवस्था पूरी तरह से रिकवर होने की स्थिति में है.
22 में से 19 इंडीकेटर ने दर्शाई पूरी रिकवरी
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 22 हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर में से 19 इंडीकेटर पूरी तरह से रिकवरी दिखा रहे हैं. यानि ये इंडीकेटर अर्थव्यवस्था के जिस हिस्से को दर्शाते हैं वहां पूरी तरह से रिकवरी दर्ज हो चुकी है. वहीं कुछ इंडीकेटर महामारी के पूर्व के स्तर को भी पार कर चुके हैं. इसमें वॉल्यूम के आधार पर ई वे बिल, सामान का एक्सपोर्ट, कोयले का उत्पादन और रेलवे के द्वारा सामान का आवागमन. सूत्र के मुताबिक इससे संकेत है कि इन क्षेत्रों में न केवल पूरी रिकवरी देखने को मिल चुकी है साथ ही अब ये क्षेत्र रफ्तार भी पकड़ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक हाल ही में जारी हुए दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं. साल दर साल के आधार पर दूसरी तिमाही में जीडीपी 8.4 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है, और इसके साथ ही तिमाही का आउटपुट महामारी से पूर्व यानि 2019-20 की दूसरी तिमाही के स्तर को भी पार कर गया है.
कहां दिखी सबसे ज्यादा तेजी
आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन साल 2019 के स्तर के मुकाबले 157 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं यूपीआई वॉल्यूम करीब 4 गुना बढ़कर 421.9 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा. सामान का आयात 2019 के मुकाबले 146 प्रतिशत की बढ़त के साथ 55.4 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. वहीं ई-वे बिल वॉल्यून अक्टूबर में कोविड से पहले के स्तर के मुकाबले दोगुना हो गया. कोयले का उत्पादन सितंबर माह में 131 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11.4 करोड़ टन रहा है. वहीं रेल के द्वारा माल ढुलाई 125 प्रतिशत बढ़ी है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि फर्टिलाइजर की बिक्री, बिजली की खपत, ट्रैक्टर बिक्री, सीमेंट का उत्पादन, बंदरगाहों पर माल ढुलाई, ईंधन की खपत, हवाई मार्ग से माल ढुलाई, आईआईपी और कोर सेक्टर सभी कोविड से पहले की स्थिति से ऊपर पहुंच गये हैं। वहीं उन्होने जानकारी दी कि फिलहाल स्टील की खपत, ऑटो सेक्टर की बिक्री और हवाई यात्रियों की संख्या ही कोविड से पहले के स्तर से नीचे हैं.
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