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सात समंदर पार से मिला संकेत, सस्ता नहीं होगा पेट्रोल और डीजल
SANTOSI TANDI
14 Sep 2023 2:26 PM GMT
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नहीं होगा पेट्रोल और डीजल
अमेरिका की ओर से मिले संकेत के अनुसार मौजूदा साल खत्म होने से पहले कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को पार सकते हैं. यह संकेत भारत और उन देशों के लिए खतरे की घंटी है, जो अपनी जरुरत के लिए 80 फीसदी से ज्यादा तेल का आयात करते हैं. मतलब साफ है कि आने वाले महीनों में पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने के आसार नहीं है. वहीं दूसरी और ओपेक देशों की ओर से सप्लाई पर कंट्रोल जारी रखा हुआ है. सऊदी अरब और रूस की ओर से प्रोडक्शन साल के अंत जारी रहेगा. मुमकिन है कि इसे अगले साल मार्च तक के लिए भी बढ़ाया जा सकता है.
अमेरिका ने महंगाई को देखते हुए ऑयल उत्पादक देशों से स्पलाई स्टेबल करने की गुजारिश की है. ताकि मंहगाई के लेवल को कम किया जा सके. क्योंकि गैसोलीन की बढ़ती कीमतों की वजह से इंटरनेशनल लेवल पर महंगाई के ग्राफ में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. जिसका असर आने वाले दिनों में भारत और दूसरे विकासशील देशों पर देखने को मिल सकता है.
आपको बता दें कि देश की सरकार ने आखिरी पर मई 2022 में टैक्स कम कर पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए थे. वहीं ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से फ्यूल के दाम में कोई बदलाव अर्से से नहीं किया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में कच्चे तेल के दाम कितने हो गए हैं और पेट्रोल और डीजल के कितने पैसे चुकानें होंगे.
पहले कच्चे तेल की कीमत जान लें
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 92 डॉलर प्रति बैरज से भी पार चली गई हैं. ब्लूमबर्ग कमोडिटीज के आंकड़ों के अनुसार ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.37 फीसदी की तेजी के साथ 92.22 डॉलर प्रति पर आ गया है. सितंबर के महीने में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में 6 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चा तेल यानी डब्ल्यूटीआई 0.37 फीसदी की तेजी के साथ 88.85 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वास्तव में पिछले हफ्ते इंवेंट्रीज में इजाफा होने के कारण कच्चा तेल 89 डॉलर प्रति बैरल से मामूली रूप से नीचे आया है. वैसे इस महीने कच्चे तेल दाम करीब 6.50 फीसदी महंगा हुआ है.
साल अंत से पहले क्रूड ऑयल लगाएगा शतक
बैंक ऑफ अमेरिका के विश्लेषकों ने कहा कि सप्लाई में लगातार कटौती से ब्रेंट वायदा साल के अंत से पहले 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर उठ सकता है. श्रम सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि खुदरा गैसोलीन कीमतों में 10.6 फीसदी की वृद्धि के कारण अमेरिकी उपभोक्ता कीमतें अगस्त में एक साल से अधिक समय में सबसे ज्यादा बढ़ीं है. वहीं अस्थिर फूड और एनर्जी कंपोनेंट को छोड़कर, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 0.3 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. व्हाइट हाउस काउंसिल ऑफ इकोनॉमिक एडवाइजर्स के प्रमुख जेरेड बर्नस्टीन ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने गैसोलीन की बढ़ती कीमतों के समय स्टेबल फ्यूल सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए तेल उत्पादकों और रिफाइनरों से बात की है.
क्या भारत में सस्ता होगा पेट्रोल और डीजल?
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या देश में पेट्रोल और डीजल सस्ता होगा? केडिया एडवाइजर्स के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार कच्चे तेल की कीमत में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. करीब एक हफ्ते से ब्रेंट के दाम 90 डॉलर से ज्यादा है, जो कि भारत के लिए ठीक नहीं है. जब तक क्रूड ऑयल के दाम 90 डॉलर से नीचे नहीं आते हैं तो तब पेट्रोल और डीजल की कीमत में कम नहीं होंगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर यह दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चले जाते हैं तो कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है. जिसके चांस इसलिए थोड़े कम नजर आ रहे हैं कि आने वाले कुछ महीनों में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
कब से स्टेबल हैं पेट्रोल और डीजल के दाम
वहीं दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. देश के महानगरों में आखिरी पेट्रोल और डीजल की कीमत में 21 मई के दिन बदलाव देखने को मिला था. उस वक्त देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में टैक्स को कम किया था. उसके बाद कुछ प्रदेशों ने वैट को कम या बढ़ाकर कीमतों को प्रभावित करने का प्रयास किया था. दिलचस्प बात ये है कि जब से देश में इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोज बदलाव होने की शुरुआत हुई है, तब से यह पहला मौका है जब पेट्रोलियम कंपनियों ने रिकॉर्ड टाइमलाइन के दौरान कोई बदलाव नहीं किया है.
SANTOSI TANDI
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