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सर्वे रिपोर्ट में हुए चौकाने वाले खुलासे, खतरनाक है फोन का ज्यादा इस्तेमाल

Gulabi
14 Dec 2021 1:13 PM GMT
सर्वे रिपोर्ट में हुए चौकाने वाले खुलासे, खतरनाक है फोन का ज्यादा इस्तेमाल
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स्मार्टफोन ने हमारी कई जरूरतों को आसाना बना दिया है, हम दूर रहकर भी अपनों से फोन के जरिए जुड़े रहते हैं
स्मार्टफोन ने हमारी कई जरूरतों को आसाना बना दिया है। हम दूर रहकर भी अपनों से फोन के जरिए जुड़े रहते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि आपके ज्यादा फोन इस्तेमाल से आपका बच्चा आपसे दूर होता जा रहा है। जी हां, ये खुलासा Cybermedia Research (CMR) की Impact of Smartphone on Human Relationship 2021 रिपोर्ट से हुआ है, जिससे पता चलता है कि आपके ज्यादा स्मार्टफोन इस्तेमाल से बच्चे का मानसिक हालत पर बुरा असर पड़ता है।
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 66 फीसदी लोगों को मानना है कि जिस वक्त उन्हें बच्चों को वक्त देना चाहिए, वो फोन पर व्यस्त रहते हैं।
74 फीसदी भारतीय के मुताबिक स्मार्टफोन की वजह से बच्चों के साथ उनके रिश्ते खराब हो रहे हैं।
75 फीसदी मानते हैं स्मार्ट की वजह से ध्यान भटकता है, जिससे वो अपने बच्चों के प्रति ज्यादा सतर्क नहीं रह पाते हैं।
74 फीसदी का मानना है कि जब वो स्मार्टफोन में बिजी होते हैं और बच्चे कुछ पूछते हैं, तो वो चिढ़ जाते हैं।
69 फीसदी का मानना है कि स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से उनका बच्चों से ध्यान नहीं हटता है।
90 फीसदी माता-पिता को लगता है कि बच्चे स्मार्टफोन के इस्तेमाल की वजह से आक्रामक हो रहे हैं।
85 फीसदी माता-पिता का मानना है कि बच्चे स्मार्टफोन की वजह से सोशल लाइफ से कट रहे हैं।
90 फीसदी माता-पिता मानते है कि बच्चों में सामाजिक व्यवहार में कमी हो रही है।
कोविड -19 के दौरान भारतीयों ने रोजाना करीब 6.5 घंटे बिताया है, जो कि 32 फीसदी ज्यादा है।
80% से अधिक लोग सोचते हैं कि स्मार्टफोन उन्हें अपने प्रियजनों के साथ जुड़े रहने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं।
94 फीसदी लोग मानते हैं कि स्मार्टफोन उनके शरीर का हिस्सा बन गया है और वे उनसे अलग नहीं हो सकते हैं।
लोग अपने फोन का उपयोग खाना खाते समय (70%), लिविंग रूम (72%) में, और यहां तक ​​कि परिवार के साथ बैठकर (75%) करते समय भी करते हैं।
क्या डिजिटल एजूकेशन ठीक है?
माता-पिता का कहना है कि वो चाहते हैं फोन स्विच ऑफ करके बच्चे अपने पुराने स्कूल के दिनों में वापस लौट जाएं। 95 फीसदी भारतीयों ने माना कि वे अपने बच्चों के ज्यादा से ज्यादा बिना किसी बाधा के समय बिताना चाहते हैं।
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