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दिल्ली HC से फ्यूचर ग्रुप को झटका, कोर्ट ने किन आधार पर खारिज की याचिका

Admin Delhi 1
4 Jan 2022 1:59 PM GMT
दिल्ली HC से फ्यूचर ग्रुप को झटका, कोर्ट ने किन आधार पर खारिज की याचिका
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रिलायंस से डील को लेकर सिंगापुर के एक ट्रिब्यूनल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले फ्यूचर ग्रुप को करारा झटका लगा है। जस्टिस अमित बंसल ने किशोर बियानी के ग्रुप की दलीलों को खारिज कर दिया है। फ्यूचर ग्रुप ने सिंगापुर ट्रिब्यूनल के आदेश को अवैध घोषित करने का अनुरोध दिल्‍ली हाईकोर्ट से किया था। हाईकोर्ट में फ्यूचर रिटेल की ओर से तर्क दिया गया कि CCI (कंपीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया) ने 2019 की डील को सस्‍पेंड कर दिया था। लिहाजा भारत में अब इसका कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है।

फ्यूचर ग्रुप की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे व मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश कीं। उनका कहना था कि मौजूदा दौर में सिगापुर के ट्रिब्यूनल के आदेश का कोई मतलब नहीं है। उनका कहना था कि किशोर बियानी की हालत इस समय पूरी तरह से दीवालिया होने के कगार पर है जबकि एमजॉन ने इस मामले में कानूनी लड़ाई के लिए 8500 करोड़ का बजट रखा है। दूसरी तरफ एमजॉन की तरफ से गोपाल सुब्रमण्यम व अमित सिब्बल ने दलीलें पेश कीं। उनका दावा था कि कमीशन के आदेश के खिलाफ जल्दी ही अपील की जाएगी।

दरअसल, ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी एमजॉन को तब बड़ा झटका लगा जब CCI ने फ्यूचर कूपन के साथ उसकी डील को दी गई मंजूरी को सस्पेंड कर दिया। CCI ने कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण एमजॉन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया। एमजॉन और फ्यूचर ग्रुप के बीच लंबे अर्से से कानूनी विवाद चल रहा है। फ्यूचर ग्रुप की शिकायत पर CCI ने एमजॉन को जुलाई में नोटिस जारी किया था। कमीशन ने अपने आदेश में कहा था कि एमजॉन ने कॉम्बिनेशन के वास्तविक स्कोप को छिपाया और गलत स्टेटमेंट दिए।

इससे पहले सिंगापुर के ट्रिब्य़ूनल कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल की अपील खारिज कर दी थी। किशोर बियानी की कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के साथ हुई 3.4 अरब डॉलर की डील को रोकने के पिछले साल जारी आदेश को रद्द करने की अपील की थी। फ्यूचर रिटेल का कहना है कि उसने अपने रिटेल एसेट्स रिलायंस को बेचने का सौदा करके कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है। उधर एमजॉन का आरोप है कि फ्यूचर रिटेल ने उसके साथ किया करार पिछले साल RIL के साथ सौदा करके तोड़ दिया है। पिछले साल अक्टूबर में सिंगापुर के ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में इस डील पर रोक लगा दी थी।

विवाद तब शुरू हुआ जब देश की दूसरी सबसे बड़ी रिटेल कंपनी फ्यूचर रिटेल ने पिछले साल अपने रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स और कुछ दूसरे बिजनेस को RIL के हाथों बेचने का करार किया था। देशभर में 1,700 से ज्यादा स्टोर वाली फ्यूचर रिटेल को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा था क्योंकि उसका कारोबार कोविड के चलते बुरी तरह पिट गया था। उधर, जेफ बेजोस की कंपनी किशोर बियानी की कंपनी फ्यूचर के रिटेल बिजनेस को खुद खरीदना चाहती थी। इसके लिए उसने फ्यूचर से पहले ही करार किया हुआ था। एमजॉन ने अपनी दलील में कहा था कि उसने फ्यूचर ग्रुप की रिटेल कंपनी के साथ 2019 में एक करार किया है। उस करार के एक क्लॉज के तहत फ्यूचर अपना कारोबार दूसरे को नहीं बेच सकती।

(जनता से रिश्ता)

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