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ग्राहकों को झटका! लोका लोन और होगा महंगा, एसबीआई ने महीने में दूसरी बार बढ़ाया एमसीएलआर, जानें नई दरें

Renuka Sahu
16 May 2022 4:22 AM GMT
Shock customers! Loka loan will be more expensive, SBI increases MCLR for the second time in a month, know new rates
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फाइल फोटो 

भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एक बार फिर एमसीएलआर में वृद्धि कर दी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एक बार फिर एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लैंडिग रेट) में वृद्धि कर दी है. नई दरें 15 मई यानी रविवार से ही लागू हो गई हैं. यह बैंक द्वारा एमसीएलआर में इस महीने की दूसरी बढ़ोतरी है. बैंक ने 10 बेसिस पॉइंट यानी 0.10 फीसदी की वृद्धि हर समयावधि (टेन्योर) के लिए की है.

एसबीआई का ओवरनाइट, एक माह और तीन माह का एमसीएलआर अब 6.75 फीसदी बढ़कर 6.85 फीसदी हो गया है. 6 माह का एमसीएलआर 7.15 फीसदी, एक साल के लिए 7.20 फीसदी, 2 साल के लिए 7.40 फीसदी और तीन साल के लिए यह बढ़कर 7.50 फीसदी हो गया है.
क्या होगा प्रभाव
एमसीएलआर में वृद्धि से ग्राहकों द्वारा लिए गए लोन की मासिक ईएमआई में वृद्धि देखने को मिलेगी. साथ ही नए ग्राहकों के लिए भी लोन महंगा हो जाएगा. बैंक का यह फैसला आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद आया है. आरबीआई ने 40 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी. गौरतलब है कि आरबीआई आगे भी ब्याज दरों में वृद्धि कर सकती है जिससे बैंकों से लोन लेना और महंगा हो जाएगा. बता दें कि एसबीआई द्वारा बांटे गए लोन्स में सबसे अधिक हिस्सा (53.1 फीसदी) एमसीएलआर संबंधी लोन का ही है. हाल ही में बैंक ने 2 करोड़ रुपये की एफडी पर ब्याज दर में 40-90 बेसिस पॉइंट बढ़ाए थे.
बैंक का बयान
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा है कि इस वृद्धि से बैंक के मार्जिन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अधिकांश लोन लगातार बदलने वाली दरों पर ही आधारित हैं. इसका मतलब है कि जैसे ही रेपो रेट में बदलाव होगा इनमें भी बदलवा कर दिया जाएगा.
क्या होता है एमसीएलआर
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिग रेट किसी भी वित्तीय संस्थान का अंदरुनी बेंचमार्क या रेफरेंस रेट होता है. यह किसी भी लोन की न्यूनतम ब्याज दर तय करने को परिभाषित करता है. एमसीएलआर को आरबीआई ने भारतीय वित्तीय प्रणाली में 2016 में शामिल किया था. इससे पहले 2010 में लागू किए गए बेस रेट सिस्टम के तहत ब्याज तय किया जाता था. इसे एमसीएलआर के लागू होने के साथ बंद कर दिया गया.
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