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Share Market: मई में Gold ETF में निवेश 57 फीसदी घटा, फीकी पड़ी सोने की चमक

Rani Sahu
15 Jun 2021 10:30 AM GMT
Share Market: मई में Gold ETF में निवेश 57 फीसदी घटा, फीकी पड़ी सोने की चमक
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गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में शुद्ध निवेश मई में इससे पिछले महीने की तुलना में 57 फीसदी घटकर 288 करोड़ रुपए रह गया.

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में शुद्ध निवेश मई में इससे पिछले महीने की तुलना में 57 फीसदी घटकर 288 करोड़ रुपए रह गया. निवेशकों द्वारा शेयर बाजारों का रुख करने की वजह से गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) में निवेश घटा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के अनुसार, Gold ETF में निवेश घटने के बावजूद गोल्ड ईटीएफ के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) मई के अंत तक 6 फीसदी बढ़कर 16,625 करोड़ रुपए पर पहुंच गईं, जो अप्रैल के अंत तक 15,629 करोड़ रुपए थीं.

आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ में मई में शुद्ध रूप से 288 करोड़ रुपए का निवेश हुआ. अप्रैल में यह आंकड़ा 680 करोड़ रुपए रहा था. निवेशकों ने मार्च में गोल्ड ईटीएफ में 662 करोड़ रुपए डाले थे. फरवरी में उनका निवेश 491 करोड़ रुपए और जनवरी में 625 करोड़ रुपए रहा था.
शेयर बाजार में मजबूती से गोल्ड ईटीएफ में निवेश घटा
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, मई में गोल्ड ईटीएफ में निवेश घटने की वजह यह है कि शेयर बाजार काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और निवेशक अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा शेयरों की ओर स्थानांतरित कर रहे हैं.
प्रॉफिट बुकिंग का भी असर
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अप्रैल की तुलना में मई में गोल्ड ईटीएफ से निकासी भी बढ़ी है जिससे पता चलता है कि सोने की कीमतों में हालिया तेजी के बाद कुछ निवेशक मुनाफा काट रहे हैं.
आज से गोल्ड हॉलमार्किंग की शुरुआत
5 जून, 2021 से सोने के गहनों और उससे जुड़े सामानों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है. पहले इसे लागू करने की समय सीमा 1 जून थी जिसे कोविड -19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के चलते 15 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था.
नए नियम से सभी ज्वैलर्स के लिए गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य होगा ताकि गोल्ड खरीदने जाने वाले ग्राहक ठगा हुआ महसूस न करें और इसके बदले शुद्ध आभूषण प्राप्त करें.
ए नियमों के अनुसार, अगर 14, 18, या 22 कैरेट सोने से बने आभूषण या कलाकृति को बीआईएस हॉलमार्क (BIS Hallmark) के बिना बेचा जाता है, तो ज्वैलर को वस्तु की कीमत का पांच गुना जुर्माना या एक साल तक की जेल हो सकती है.


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