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भारत के प्रत्येक नागरिक को हर साल टैक्स देना पड़ता है। इसके साथ ही उन्हें अपनी आय के सभी स्रोतों के बारे में भी बताना होगा। इसके लिए आयकर विभाग ने टैक्स कानून बनाये हैं। इसमें देश के हर वर्ग के लिए एक कानून बनाया गया है। देश के आयकर कानून वरिष्ठ नागरिकों को कई कर लाभ प्रदान करते हैं। ऐसे लाभों पर केवल भारतीय का ही अधिकार है। इसमें एडवांस टैक्स, स्टैंडर्ड डिडक्शन, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के तहत कटौती, बैंक और पोस्ट ऑफिस से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती की जाती है।
इस साल से टैक्स की दो व्यवस्थाएं लागू की गई हैं इसमें वरिष्ठ नागरिकों को 3 लाख रुपये तक और अति वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। वहीं, नई टैक्स व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई अलग सीमा तय नहीं की गई है। वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों को 2.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलेगी।
कितनी छूट मिलेगी
वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर छूट अलग-अलग है। अगर कोई वरिष्ठ नागरिक पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनता है तो उसे उसी हिसाब से टैक्स छूट मिलती है। इसमें 60-80 साल की उम्र के व्यक्ति को 3 लाख रुपये की छूट मिलती है। वहीं, 80 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को 5 लाख रुपये की छूट मिलती है। आपको बता दें कि आयकर अधिनियम के 80TTB के तहत केवल वरिष्ठ नागरिकों को छूट मिलती है। इसमें मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम कटौती का विकल्प चुना जा सकता है।
वहीं, आयकर अधिनियम की धारा 80D के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी के लिए बीमा खरीदता है, तो उसे इसके प्रीमियम पर कर कटौती का विकल्प मिलता है। 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति 1 लाख रुपये तक का कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सभी वरिष्ठ नागरिकों को इन कर कटौती का लाभ उठाना चाहिए। अगर ज्यादा टैक्स काटा गया है तो करदाता आईटीआर फाइल करते समय इसकी जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद अतिरिक्त टीडीएस का रिफंड मिल जाता है।

Tara Tandi
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