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सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने अधिग्रहण और टेकओवर से जुड़े नियमों में किया बदलाव

Tara Tandi
28 Sep 2021 1:55 PM GMT
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने अधिग्रहण और टेकओवर से जुड़े नियमों में किया बदलाव
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(सेबी) अधिग्रहण और टेकओवर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने मंगलवार को अधिग्रहण और टेकओवर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है, जिससे दोनों कंपनियों और निवेशकों के लिए प्रक्रिया आसान होगी. मौजूदा नियमों के तहत, जो कंपनी लिस्टेड इकाई में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर रही है और एक ओपन ऑफर के बाद अपनी कुल हिस्सेदारी को बढ़कर 75 फीसदी से ज्यादा जाते हुए देख रही है, उसे जबरदस्ती अपनी हिस्सेदारी को न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के आंकड़े से घटाकर नीचे लाना पड़ता है.

अधिग्रहण और टेकओवर से जुड़े नियमों में क्या बदलाव हुआ?

नए बदलाव के तहत, जो कंपनी अधिग्रहण और ओपन ऑफर के बाद अपनी शेयरहोल्डिंग को बढ़ाकर 75 फीसदी से ऊपर जाते हुए देख रही है और शेयर की डिलिस्टिंग करना चाहती है, उसे शुरुआत में डिलिस्टिंग प्राइस को सामने रखने की इजाजत होगी, जो ओपन ऑफर प्राइस से ज्यादा होगी

इसके आगे सेबी ने कहा कि अगर ओपन ऑफर को अधिग्रहण करने वाले द्वारा मिले रिस्पॉन्स से उसकी शेयरहोल्डिंग 90 फीसदी के डिलिस्टिंग सीमा को पार कर जाती है, तो जिन शेयरहोल्डर्स ने ओपन ऑफर में अपने शेयरों को ऑफर किया था, उन्हें डिलिस्टिंग प्राइस का भुगतान करना होगा.

सुपीरियर वोटिंग राइट के नियम में ढील को मंजूरी

इसके अलावा सेबी ने सुपीरियर वोटिंग राइट के नियम में ढील को भी मंजूरी दे दी है. इससे न्यू ऐज कंपनियों के फाउंडर्स को ज्यादा वोटिंग राइट्स मिलेंगे. इसके तहत स्टार्टअप्स को फायदा होगा. स्टार्टअप्स में प्रमोटर्स को ज्यादा वोटिंग राइट्स मिलेंगे. उन्हें शेयरहोल्डिंग कम होने पर भी ज्यादा वोटिंग राइट्स मिलेंगे. मौजूदा समय में हमारे देश में वन राइट वन शेयर वन वोट का नियम है. इससे न्यू ऐज कंपनियों के प्रमोटर्स को ताफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. अब सुपीरियर वोटिंग राइट से प्रमोटर्स को राहत मिलेगी. अब प्रमोटर्स अपनी कंपनियों पर नियंत्रण रख पाएंगे.

इसके साथ सेबी ने गोल्ड एक्सचेंज और सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) को बनाने को भी मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने सेबी (वॉल्ट मैनेजर्स) रेगुलेशन्स, 2021 के तहत गोल्ड एक्सचेंज के लिए फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है. सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट्स को जारी और सिक्योरिटीज के तहत नोटिफाई किया जारी किया जाएगा. गोल्ड एक्सचेंज में 5,10, 50 ग्राम से 1 किलोग्राम सोने तक रखने का प्रस्ताव है.

बोर्ड ने सेबी के नियमों की सीमा में SSE को बनाने को भी मंजूरी दे दी है, जिससे सोशल एंटप्राइजेज फंड जुटा सकेंगे.

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