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GST की धारा 86-बी विवादों में पड़ी,विरोध होने के बाद वित्त मंत्रालय ने दिया सफाई

Deepa Sahu
26 Dec 2020 2:32 PM GMT
GST की धारा 86-बी विवादों में पड़ी,विरोध होने के बाद वित्त मंत्रालय ने दिया सफाई
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GST की धारा 86-बी विवादों में पड़ी,विरोध होने के बाद वित्त मंत्रालय ने दिया सफाई

सरकार द्वारा जीएसटी नियमों में धारा 86-बी को जोड़ने पर विवाद खड़ा हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : सरकार द्वारा जीएसटी नियमों में धारा 86-बी को जोड़ने पर विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी नियमों में धारा 86-बी को जोड़ने का विरोध करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा था। अब वित्त मंत्रालय को इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है।

मंत्रालय ने कहा है कि इस नियम से एक फीसदी से भी कम करदाता प्रभावित होंगे। मालूम हो कि इस नियम के तहत तहत प्रत्येक व्यापारी के लिए (जिसका मासिक टर्नओवर 50 लाख रुपये से ज्यादा है) एक फीसदी जीएसटी कैश में जमा करना अनिवार्य है। नकली बिल के जरिए टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने यह बदलाव किया था, जिसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं।
सिर्फ 45,000 करदाता ही होंगे प्रभावित
मामले में मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहां रेवेन्यू को ज्यादा रिस्क है, वहां यह नियम लागू होगा। इस नियम से केवल 45,000 करदाता ही प्रभावित होंगे, जो 1.2 करोड़ टैक्स बेस का सिर्फ 0.37 फीसदी है। इस नियम से किसी भी ईमानदार डीलर या कारोबारी पर असर नहीं पड़ेगा।
व्यापारियों की वित्त मंत्री से मांग
वित्त मंत्रालय ने 22 दिसंबर को एक अधिसूचना में जीएसटी नियमों में नियम 86बी जोड़ने के बारे में जानकारी दी थी। कैट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र में मांग की थी की इस नियम को तुरंत वापस लिया जाए और व्यापारियों से सलाह करने के बाद ही इसे लागू किया जाए। इसके साथ ही कैट ने यह भी मांग की है कि जीएसटी एवं आयकर में ऑडिट की रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर 2020 से तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए।


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