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Sebi ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को नियम तोड़ने पर भेजा नोटिस, जानिए पूरा मामला
Bhumika Sahu
24 Feb 2022 3:04 AM GMT
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इससे पहले पूंजी बाजार नियामक सेबी ने पिछले साल 2 दिसंबर को रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक कंपनी Reliance Strategic Investments को भी कारण बताओ नोटिस भेजा था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) मतलब भारतीय उद्योग जगत की सबसे मूल्यवान कंपनी. और अगर इस पर कोई उंगली उठे, तो कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. ताजा मामला भी कुछ ऐसा ही है. जहां बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को नियमों का पूरी तरह से पालन न करने पर नोटिस भेजा है. सेबी ने 'प्रिंसिपल्स फॉर फेयर डिस्क्लोजर' यानी निष्पक्ष खुलासे से जुड़े सिद्धांत के कथित उल्लंघन के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को कारण बताओ नोटिस (show cause notice) भेजा है. यह नोटिस पिछले साल 22 दिसंबर को भेजा गया था और यह 'मूल्य संबंधी अप्रकाशित जानकारी' यानी UPSI से जुड़ा है. नोटिस भेजे जाने की जानकारी डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट ने ने दी है जो रिलायंस और निजी इक्विटी कंपनी Brookfield का एक ज्वाइंट वेंचर है.
पहले भी मिले हैं नोटिस
इससे पहले पूंजी बाजार नियामक सेबी ने पिछले साल 2 दिसंबर को रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक कंपनी Reliance Strategic Investments को भी कारण बताओ नोटिस भेजा था. यह नोटिस निफ्टी वायदा बाजार में कारोबार के दौरान कथित उल्लंघनों के लिए भेजा गया था. नोटिस में यह भी कहा गया कि रिलायंस ने शेयर बाजार में लिस्टिंग से जुड़े एक नियम का भी उल्लंघन किया. कारण बताओ नोटिस में कंपनी को कथित उल्लंघनों का ब्योरा दिया जाता है और यह पूछा जाता है कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. सेबी इससे पहले भी रिलायंस इंडस्ट्रीज को कई मौके पर नोटिस दे चुकी है. नोटिस के अलावा कंपनी पर कार्रवाई भी गई है.
जनवरी में लगा था जु्र्माना
सेबी ने 1 जनवरी, 2021 को रिलायंस इंडस्ट्रीज, उसके चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी और दो दूसरी कंपनियों पर कुल 70 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था. यह कार्रवाई रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों के कारोबार में कथित हेराफेरी के लिए की गई थी. मामले में आरआईएल पर 25 करोड़ रुपये मुकेश अंबानी पर 15 करोड़ रुपये. नई मुंबई एसईजेड प्राइवेट लिमिटेड पर 20 करोड़ रुपये और मुंबई एसईजेड लिमिटेड पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है. ये मामला मार्च 2007 का था अब अगर देश की सबसे बड़ी और मूल्यवान कंपनी ही नियमों का उल्लंघन करेगी तो इसका दूसरी कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा यह हम सभी जानते हैं.
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