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प्रमाणपत्र के तहत राशि की वसूली परिणाम में देरी या बाधित हो जाएगी.
सिक्योरिटी अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने यस बैंक (Yes Bank) के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) राणा कपूर पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना और दो अन्य संस्थाओं पर 50-50 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के नियामक सेबी के आदेश को बरकरार रखा है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने दोनों इकाइयों- यस कैपिटल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और मोर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड… पर मार्च 2021 में गिरवी रखे शेयर से संबंधित आवश्यक जानकारी सार्वजनिक नहीं करने के लिए जुर्माना लगाया था.
सेबी ने सितंबर 2020 में मोर्गन क्रेडिट (Morgan Credits) लेनदेन के संबंध में खुलासा नहीं करने के लिए कपूर पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. नियामक ने अपने आदेश में कहा था कि कपूर ने यस बैंक के निदेशक मंडल को लेन-देन के बारे में जानकारी न देकर अपने और संबंधित पक्षों के बीच एक अपारदर्शी संबंध बनाया.
यस बैंक को प्रभावित करने के इरादे से की गई डील
अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 18 जून को जारी आदेश में कहा कि जुर्माने की राशि के संदर्भ में हस्तक्षेप का मतलब नहीं है. सैट ने कहा कि कपूर ने मोर्गन क्रेडिट्स के लेनदेन के लिए व्यक्तिगत गारंटी दी थी. उसने कहा, ये लेन-देन निश्चित रूप से सूचीबद्ध इकाई यानी यस बैंक को सीधे प्रभावित करने की प्रकृति के हैं. इसलिए, अच्छे निर्णय लेने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह अपीलकर्ता के लिये जरूरी था कि वह लेन-देन के बारे में सूचीबद्ध कंपनी यस बैंक के निदेशक मंडल को जानकारी देता. अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कहा, हम जुर्माने की राशि कम करने को लेकर कोई ऐसी वजह नहीं देखते. अत: अपील खारिज की जाती है.
जुर्माना वसूलने के लिए उठाया ये कदम
SEBI ने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा जुर्माना वसूलने के लिए राणा कपूर के सभी बैंक खातों, शेयरों, म्यूचुअल फंड और लॉकर को जब्त करने का आदेश दिया है. नियामक ने कपूर पर जुर्माना लगाया था, जिसको चुकाने में वे विफल रहे. सेबी ने कहा, यह मानने के लिए पर्याप्त कारण है कि डिफॉल्टर (कपूर) आपके बैंक में रखे गए खातों की राशि / आय का निपटान कर सकता है और प्रमाणपत्र के तहत राशि की वसूली परिणाम में देरी या बाधित हो जाएगी.
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