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सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि पात्रता को अंतिम रूप दिए जाने के बाद शेयरधारकों के डीमैट खातों (Demat Accounts) से सिर्फ स्वीकृत संख्या में ही शेयर हटाए जाएंगे और अस्वीकृत शेयरों के लिए अधिकार मार्क को हटा दिया जाएगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने ओपन ऑफर, बायबैक ऑफर और सिक्योरिटिज को शेयर बाजारों से हटाने की निविदा पेशकश में भाग लेने वाले शेयरधारकों के डीमैट खातों (Demat Accounts) में उनके शेयरों पर अधिकार मार्क लगाने का फैसला किया है. सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि पात्रता को अंतिम रूप दिए जाने के बाद शेयरधारकों के डीमैट खातों (Demat Accounts) से सिर्फ स्वीकृत संख्या में ही शेयर हटाए जाएंगे और अस्वीकृत शेयरों के लिए उल्लेखित अधिकार चिन्ह्र को हटा दिया जाएगा.
नियामक ने कहा कि इस उपाय से शेयरधारक के डीमैट खाते से समाशोधन निगम को प्रतिभूतियां जाने के दौरान के किसी प्रणालीगत जोखिम में कमी आएगी. इससे यह प्रक्रिया अधिक निवेशक अनुकूल हो सकेगी. सेबी ने कहा कि अब तक जो प्रक्रिया है उसमें स्थानांतरण में जोखिम, समय ओर लागत अधिक लगती है. इसके साथ ही पूंजी बाजार नियामक ने डिपॉजिटरी से नियम के अनुरूप निगरानी मंच का विकास करने को कहा है.
सेबी ने डीमैट अकाउंट को लेकर किया बड़ा बदलाव
नया ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाने वालों के लिए बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. इसके तहत अकाउंट खोलने से पहले एक नॉमिनेशन फॉर्म भरना होगा. जिसके जरिए निवेशक किसी को नॉमिनी बना सकता है. अगर वे ऐसा नहीं चाहते हैं तो इसके बदले उन्हें एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा. ये नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा.
एक अक्टूबर से नया ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने वाले को नॉमिनेशन और डिक्लेरेशन फॉर्म का विकल्प मिलेगा. वहीं मौजूदा डीमैट अकाउंट होल्डर्स को 31 मार्च 2022 तक नॉमिनेशन फॉर्म भरना जरूरी है. अगर किसी की ओर से नॉमिनेशन या डिक्लेरेशन फॉर्म नहीं भरा जाता है तो खाता फ्रीज हो सकता है.
Bhumika Sahu
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