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सेबी ने फोर्टिस हेल्थकेयर और Titan के तीन कर्मचारियों पर की बड़ी कार्रवाई लगाया लाखों का जुर्माना, जानिए क्या है मामला
Renuka Sahu
26 Oct 2021 4:43 AM GMT
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फाइल फोटो
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग्स और टाइटन के तीन कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग्स (Fortis Healthcare Holdings) और टाइटन (Titan) के तीन कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की है. सेबी ने फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग्स पर नॉन-कंवर्टिवल डिबेंचर से जुड़े नियमों का उल्लंघन के लिए 3.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. सेबी ने एक आदेश में कहा कि कंपनी पर एलओडीआर (सूचीबद्धता दायित्व एवं खुलासा आवश्यकता) नियमों के कई प्रावधानों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया है.
नियामक ने कहा कि फोर्टिस ने कुछ ISINs (इंटरनेशनल सिक्योरिटीज आइडेंटिफिकेशन नंबर) के लिए ब्याज के भुगतान के बारे में जानकारी नहीं दी आईएसआईएन कोड का इस्तेमाल विशिष्ट रूप से शेयर, बॉन्ड वारंट और वाणिज्यिक पत्रों जैसी प्रतिभूतियों की पहचान के लिए किया जाता है.
नियमों का किया उल्लंघन
सेबी ने कहा कि अन्य उल्लंघनों के अलावा कंपनी ने NCD (नॉन-कंवर्टिवल डिबेंचर) धारकों को वार्षिक रिपोर्ट की प्रति प्रदान नहीं की, जबकि उन्होंने इसके लिए अनुरोध किया था. इसके अलावा कंपनी को मानदंडों के तहत निर्दिष्ट ब्याज, लाभांश आदि के भुगतान के लिए रिकॉर्ड तारीख तय करने की जरूरत थी, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रही.
इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में Titan के तीन कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया
बाजार नियामक सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) नियमों के उल्लंघन को लेकर तीन कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को टाइटन से पत्र मिला था. पत्र में मनोनीति व्यक्तियों/कर्मचारियों के खिलाफ भेदिया कारोबार रोधक नियमों और कंपनी आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सूचना दी गयी थी.
तीनों कर्मचारियों पर लगा 1-1 लाख का जुर्माना
उसके बाद नियामक ने मामले की जांच की और पाया कि कर्मचारियों और मनोनीत व्यक्तियों ने अप्रैल, 2018 से मार्च, 2019 के दौरान भेदिया कारोबार रोधक नियमों का उल्लंघन किया है.
सेबी के तीन अलग-अलग आदेश के अनुसार इन कर्मचारियों में ए रथिनप्पन, मुरुगन एम और के नागभूषण शामिल थे. नियामक ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
सरकारी स्वामित्व वाली इस कंपनी को घोषित किया 'नॉट फिट एंड प्रोपर'
SEBI ने पहली बार एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी को 'नॉट फिट एंड प्रोपर' घोषित किया है. PEC लिमिटेड, जो 100 फीसदी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है, उसे 2010 और 2013 के बीच ब्रोकर के तौर पर काम करने और NSEL के स्पॉट एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर गैर-कानूनी ट्रेड करने के लिए 'नॉट फिट एंड प्रोपर' घोषित किया गया है.
जानकारों का कहना है कि यह आदेश एक टेस्ट केस बन सकता है क्योंकि इसमें भारत के राष्ट्रपति को 'नॉट फिट एंड प्रोपर' के तौर पर टैग किया जा सकता है, जिनके अंदर सभी सरकारी ऑनरशिप होती है. ऐसा निजी इकाइयों के खिलाफ लिए गए समान एक्शन को देखते हुए कहा जा रहा है.
Renuka Sahu
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