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सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी (Silver ETF) के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने नियम में बदलाव किया है. वर्तमान में केवल इंडियन म्यूचुअल फंड्स को गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी Gold ETF लॉन्च करने की अनुमति है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी (Silver ETF) के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने नियम में बदलाव किया है. वर्तमान में केवल इंडियन म्यूचुअल फंड्स को गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी Gold ETF लॉन्च करने की अनुमति है. सिल्वर ईटीएफ को लेकर सेबी ने नियम में बदलाव किया है.
SEBI ने कहा कि सिल्वर ईटीएफ एक ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम है जिसमें इन्वेस्टमेंट मुख्य रूप से सिल्वर या फिर सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट में किया जाता है. सेबी ने कहा कि अगर कोई म्यूचुअल फंड स्कीम किसी भी एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव्स में निवेश करती है तो वह अंडरलाइंग गुड्स यानी फिजिकल कमोडिटी को सेटलमेंट वाले कॉन्ट्रैक्ट में होल्ड कर सकती है.
सिल्वर या सिल्वर इंस्ट्रूमेंट में जमा करना होगा
हालांकि, Silver ETF स्कीम में फिजिकल सिल्वर या सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट को सेबी रजिस्टर्ड कस्टोडियन के पास जमा करना होगा. सिल्वर ईटीएफ स्कीम में इन्वेस्टमेंट को लेकर कुछ शर्तें शामिल हैं. अगर कोई सिल्वर ईटीएफ में निवेश करता है तो फंड का इस्तेमाल केवल सिल्वर या फिर सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट में किया जाएगा. म्यूचुअल फंड कंपनी इस फंड का इस्तेमाल शॉर्ट टर्म में किसी बैंक में जमा कर भी कर सकती है.
सिल्वर ईटीएफ का फायदा
सिल्वर ईटीएफ का सीधा मतलब है कि जैसे लोग स्टॉक को खरीदते और बेचते हैं, वैसे ही सिल्वर ईटीएफ की खरीद-बिक्री भी हो सकेगी. इससे सिल्वर में कमाई के मौके बढ़ जाएंगे. शेयर या स्टॉक में भी यही होता है कि कोई निवेशक जैसे फायदे का सौदा देखता है, वह बेचकर मुनाफा कमा लेता है. सिल्वर ईटीएफ के साथ भी ऐा ही होगा.
ज्वैलर्स के पास नहीं जाना होगा
अगर फिजिकल सिल्वर घऱ में रखते हैं तो उसे बेचने के लिए किसी सोनार या ज्वेलरी की दुकान में जाना होगा. सोनार अखबार में चांदी की रेट देखेगा या बुलियन देखकर आपकी चांदी का हिसाब लगाएगा. फिर बिक्री होने पर आपके हाथ में पैसे आएंगे. सिल्वर ईटीएफ में तो झट से बिकवाली और झट से कमाई का पैसा जेब में आ सकता है.
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