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अमेरिका के बाजारों में पैसा लगाकर मोटी कमाई का मौका, SBI ने शुरू की खास स्कीम

Gulabi
27 Feb 2021 12:30 PM GMT
अमेरिका के बाजारों में पैसा लगाकर मोटी कमाई का मौका, SBI ने शुरू की खास स्कीम
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SBI म्युचूअल फंड ने पहला इंटरनेशनल फंड लॉन्च किया है.

SBI म्युचूअल फंड ने पहला इंटरनेशनल फंड लॉन्च किया है. इसके जरिए आम आदमी को अमेरिका के शेयर बाजार में पैसा लगाने का मौका मिलेगा. इसका नाम SBI International Access – US Equity FOF है. इस फंड में कोई भी निवेशक 5000 रुपये से शुरुआत कर सकता है. इंटरनेशनल फंड या ओवरसीज फंड फंड अंतरराष्ट्रीय इक्विटी बाजारों में निवेश करते हैं. इन फंडों का निवेश मुख्य तौर पर इक्विटी में होता है. ये डेट और अन्य एसेट क्लास में मसलन कमोडिटीज, रियल एस्टेट आदि में भी निवेश करते हैं.


क्या होते है इंटरनेशनल म्युचूअल फंड
शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी के नियमों के मुताबिक, जो म्यूचुअल फंड दूसरे देशों की इक्विटी (शेयर बाजार) या इक्विटी रिलेटेड इक्यूपमेंट में 80 फीसदी से अधिक निवेश करते हैं, वे इंटरनेशनल फंड की कटेगिरी में आते हैं.

ग्लोबल मार्केट में निवेश करने का अवसर देने के अलावा ये फंड्स लोगों को जियोग्राफिकल डाइवर्सिफिकेशन हासिल करने में भी मदद करते हैं. कई बार अगर घरेलू करंसी में गिरावट हो तो एक हेज के रूप में काम करते हैं. पिछले 5 साल की बात करें तो इंटरनेशनल म्यूचुअल फंडों ने 32 फीसदी तक रिटर्न दिया है.

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इंटरनेशनल म्यूचुअल फंडों के जरिए निवेशक भारत से कई गुना बाजार का फायदा उठा सकते हैं. इसके जरिए सीधे ग्लोबल इक्विटीज में निवेश कर सकते हैं.

इनमें निवेश से किसी भी निवेशक का पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई हो जाता है, जिससे जेखिम कम करने में मदद मिलती है.

कई बार अगर घरेलू करंसी में गिरावट हो तो एक हेज के रूप में काम करते हैं. इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश का आकर्षण बढ़ रहा है. इन फंडों में निवेश को उसी तरह से देखा जाता है जैसा किसी घरेलू फंड में निवेश करना. इन पर लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) लागू नहीं होता.

5000 से करें शुरुआत
सेबी नियमों के मुताबिक इसका एक्सपेंस रेश्यो 2.25 फीसदी सालाना है. इस फंड में 5000 रुपये के निवेश से शुरुआत कर सकते है.

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि करंसी में होने वाले मूवमेंट का इनके रिटर्न पर असर पड़ता है. अगर रुपया मजबूत होता है तो इन फंड का रिटर्न घट सकता है. वहीं रुपये के कमजोर होने से इनका रिटर्न बढ़ सकता है.

आपको बता दें कि एनएवी एक दिन बाद आता है, मुद्रा का जोखिम होता है, तीन साल से कम रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लग जाता है.

कुछ इंटरनेशनल फंड सीधे इंटरनेशनल इक्विटी में निवेश करते हैं. वहीं कुछ फंड हैं जो इंटरनेशनल इंडेक्स मसलन नैसडैक या एसएंडपी 500 में निवेश करते हैं.

कुछ ऐसे भी हैं जो फीडर फंड के रूप में काम करते हैं और इंटरनेशनल मार्केट में एक आइडेंटिफाई म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. फिर फंड ऑफ फंड्स हैं जो इंटरनेशनल फंड की यूनिट में निवेश करते हैं.


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