स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को अलर्ट करते हुए बताया है कि आपको कभी भी पैसे रिसीव करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने की जरूरत नहीं होती है। वहीं पेमेंट रिसीव करते समय पिन डालने की भी जरूरत नहीं होती है। अगर आप लापरवाही करते हुए किसी के कहने पर पेमेंट रिसीव करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करते हुए पिन डालते हैं तो आपके साथ फॉड हो सकता है। जिससे आपके अकाउंट से पैसे निकल सकते हैं।
आइए जानते हैं कि क्यूआर कोड के जरिए आपके साथ किस तरह फ्रॉड करने की कोशिश की जाती है।
•कॉल करके बोला जाता है कि आप कोई प्राइज जीते हैं। मैनें आपको एक क्यूआर कोड भेजा है उसको स्कैन करके अपने आपको वैरिफाई करने के लिए पिन डालिए।
•क्यूआर कोड से छेड़खानी कर उसे दूसरे क्यूआर कोड के साथ बदल देते हैं और नाम भी उसी से मिलता जुलता रख देते हैं। अगर आप पेमेंट करते समय ध्यान नहीं देते है तो वह पेमेंट किसी और को हो जाएगा।
फ्रॉड से बचने के लिए रहें सावधान
•किसी के कहने के बाद भी पैसे प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन न करें ।
•पैसे प्राप्त करने के लिए आपको कभी भी कहीं पासवर्ड या पिन नहीं डालना होता है।
•पेमेंट करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद उसमें दिए नाम को मिला लीजिए कि जिसे आप पेमेंट कर रहे हैं उसी का नाम लिखा है कि नहीं।
SBI ने अपने ट्वीट में क्या कहा
•UPI पिन केवल पेमेंट करने के लिए डालना होता है। पेमेंट रिसीव करने के लिए नहीं।
•पैसे पेमेंट करते समय हमेशा मोबाइल नंबर, नाम और UPI आईडी को वैरिफाई करें।
•कभी किसी के साथ पासवर्ड या पिन शेयर न करें।
•आप यह जान लीजिए कि पेमेंट ऐप में दिए स्कैनर से क्यूआर कोड स्कैन करके आप पेमेंट करते हैं रिसीव नहीं होता है।
•किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर ऑफिशियल सोर्स से ही हेल्प लीजिए।
•पेमेंट करते समय किसी प्रकार के टेक्निकल दिक्कत होने पर हेल्प सेक्शन में जाकर सहायता ले सकते हैं।