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देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को कहा कि बैंक ने अपने डिजिटल रुपये में यूपीआई इंटरऑपरेबिलिटी की सेवा लागू कर दी है। भारतीय स्टेट बैंक के डिजिटल रुपए को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी कहा जाता है। बैंक की इस सुविधा के बाद लोगों के लिए डिजिटल करेंसी में भुगतान करना आसान हो जाएगा. इससे पहले यह सुविधा एक्सिस बैंक और यस बैंक ने भी शुरू की थी।
भारतीय स्टेट बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस कदम से बैंक का उद्देश्य अपने ग्राहकों को अभूतपूर्व सुविधा और पहुंच प्रदान करना है। यह अत्याधुनिक सुविधा ग्राहकों को ई-रुपी बाय एसबीआई ऐप के जरिए उपलब्ध होगी। ग्राहक किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को आसानी से स्कैन कर सकेंगे और बिना किसी परेशानी के भुगतान कर सकेंगे।
डिजिटल पेमेंट में आएगी क्रांति
भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले साल दिसंबर में रिटेल डिजिटल ई-रुपी का प्रोजेक्ट शुरू किया था. अब यूपीआई के साथ इंटीग्रेशन से पेमेंट सर्विस आसान हो जाएगी. दरअसल, एसबीआई का लक्ष्य भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में क्रांति लाना है। चूँकि भारतीय स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक है। इसलिए जितने ज्यादा लोग इससे जुड़ेंगे उतना ही इसका फायदा होगा और इसकी पहुंच बढ़ेगी। बैंक का मानना है कि इस कदम से सीबीडीसी एकीकरण का दायरा बढ़ेगा और भविष्य में यह डिजिटल क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने में सक्षम होगा।
भुगतान का तरीका क्या है
डिजिटल रुपया या ई-रुपया नोटों और सिक्कों का डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप है। ई-रुपी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई एक डिजिटल मुद्रा है। जब आप वॉलेट में ई-रुपी रजिस्टर करते हैं. फिर आप इसके जरिए पेमेंट कर सकते हैं. इसके लिए आपको ई-रुपी वॉलेट में पैसे अपलोड करने होंगे. अगर आप एसबीआई के ग्राहक हैं तो आपको एसबीआई ऐप के होम पेज पर जाकर लोड पर क्लिक करना होगा। एसबीआई में आपको अपने लिंक्ड अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने का विकल्प मिलता है। एक बार पैसा अपलोड हो जाने के बाद आप अलग-अलग यूपीआई के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
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