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इसके बाद खाताधारक के खाते से पैसों को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं.
कोविड-19 (COVID-19) के बढ़ते संकट के बीच पैसों का डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने अपने ग्राहकों को ठगों से सतर्क रहने और किसी भी अनजान स्रोत से कोई ऐप डाउनलोड न करने की सलाह दी. बैंक ने साथ ही ग्राहकों से कहा कि वे ई-मेल, एसएमएस (SMS) या किसी भी दूसरे सोशल मीडिया खाते से आने वाली अकारण पेशकश का जवाब न दें, चाहे वे कितनी भी आकर्षक क्यों न हो.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को भेजे गए एक संदेश में कहा, हम अपने ग्राहकों को ठगों से सतर्क रहने और किसी भी अनजान स्रोत से कोई ऐप डाउनलोड न करने की सलाह देते हैं.
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We advise our customers to be alert of fraudsters and not to share any sensitive details online or download any app from an unknown source.#StaySafe #StaySecure #BeAlert #CyberSecurity #CyberSafety pic.twitter.com/J8S6dxRpjq
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) May 4, 2021
बैंक ने ग्राहकों से जन्म तिथि, डेबिट कार्ड का नंबर, डेबिट कार्ड का पिन एवं सीवीवी, ओटीपी जैसी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा न करने को कहा और साथ ही कहा कि वे एसबीआई, रिजर्व बैंक, पुलिस या केवाईसी प्राधिकरण की ओर से फोन करने की बात करने वाले ठगों से सावधान रहें.
अनजान स्रोत से टेलीफोन कॉल या ई-मेल के आधार पर किसी भी मोबाइल ऐप को डाउनलोड न करें. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ग्राहकों को धोखेबाजों से धोखा देने से बचाने के लिए ग्राहक जागरूकता अभियान 'RBI Says' भी चला रहा है.
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान, डिजिटल बैंकिंग धोखाधड़ी में धोखाधड़ी हुई थी और कोरोनोवायरस मामलों को रोकने के लिए कई राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बीच धोखेबाज फिर से सक्रिय हो गए हैं.
इसके पहले, बैंक ने एक वीडियो जारी कर बताया कि जालसाज फोन करके कहते हैं कि वो बैंक ऑफिसर हैं और वो केवाईसी अपडेट करने के लिए कहते है. इसके लिए वो एक ऐप डाउनलोड करवाते हैं और आपके फोन को रिमॉट एक्सेस पर ले लेते हैं. इसके बाद खाताधारक के खाते से पैसों को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं.
Neha Dani
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