धर्म-अध्यात्म

सावन की संकष्टी चतुर्थी आज, इस मुहूर्त में पूजन करने से गणपति हर लेंगे विघ्न

Subhi
16 July 2022 3:39 AM GMT
सावन की संकष्टी चतुर्थी आज, इस मुहूर्त में पूजन करने से गणपति हर लेंगे विघ्न
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हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है. सावन में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस बार आयुष्मान और सौभाग्य योग में है.

हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है. सावन में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस बार आयुष्मान और सौभाग्य योग में है. इस दौरान किए जाने वालों कार्यों में सफलता मिलती है. 16 जुलाई दोपहर से चतुर्थी लग रही है. व्रत की पूजा चंद्र दर्शन और चंद्रअर्घ्य के बाद ही पूर्ण मानी जाती है. इसलिए आज ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.

संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रथम पूजनीय गणेश जी की पूजा की जाती है. रात के समय चंद्र देव को दर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है. इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है. संकष्टी चतुर्थी के दिन इस शुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन का समय.

गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत 2022 मुहूर्त

हिंदू धर्म में गणेश पूजन का विशेष महत्व है. किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है. सावन के महीने में आपने वाली पहली संकष्टी चतुर्थी को गजानन के नाम से जाना जाता है. सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 जुलाई से दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 17 जुलाई सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक है. इस दिन आयुष्मान योग सुबह से रात 08 बजकर 50 मिनट तक रहेगा और सौभाग्य योग 16 जुलाई यानी की आज रात 08 बजकर 50 मिनट से कल शाम 05 बजकर 49 मिनट होगा. आज पूजन का शुभ समय दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.

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