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रूस पर प्रतिबंधों की बौछार, भारत समर्थन में आया, अब होगा ये...
jantaserishta.com
11 March 2022 5:51 AM GMT
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नई दिल्ली: बैन के मामले में रूस (Sanctions on Russia) इस समय दुनिया में पहले पायदान पर है. यूक्रेन पर हमले के कारण (Russia-Ukraine crisis) अमेरिका और यूरोप समेत सहयोगी देशों ने रूस पर हर तरीके का प्रतिबंध लगाया है. प्रतिबंध के मामले में वह ईरान से काफी आगे निकल चुका है. उसका 630 बिलियन डॉलर का रिजर्व किसी काम का नहीं रह गया. अमेरिका ने डॉलर-रूबल करेंसी स्वैप को रोक दिया है साथ ही SWIFT पेमेंट को भी बैन किया गया है. इस परिस्थिति में भारत अपने पुराने मित्र की मदद कर सकता है. जानकारी के मुताबिक, रसियन बैंक एक्सपोर्टर्स से rupee-ruble पेमेंट को एक्सेप्ट करने की बात कर रहे हैं.
इस मैकेनिज्म के तहत रसियन रूबल को भारतीय रुपए में कंवर्ट किया जाएगा फिर इंडियन बैंक में इसे जमा किया जाएगा. रूस का दो बैंक- Sberbank और VTB को भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आइडेंटिफाई किया है. फिलहाल इस संबंध में आखिरी फैसला नहीं लिया गया है. सरकारी सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि इस संबंध में फैसला उच्च स्तरों पर लिया जाएगा. फिलहाल रूस के बैंकों की पहचान की गई है.
भारत और रूस के बीच 8 बिलियन डॉलर यानी करीब 60 हजार करोड़ रुपए का सालाना कारोबार होता है. इस मैकेनिज्म के तहत भारतीय निर्यातक को रूस के आयातक के साथ एक अग्रीमेंट करना होगा. इस अग्रीमेंट के तहत बायर्स रूबल में पेमेंट करेगा और यह पैसा रसियन बैंक के इंडियन ब्रांच में ट्रांसफर किया जाएगा. जिस दिन पैसा ट्रांसफर किया जाता है, उस दिन का करेंसी रेट कैलकुलेट किया जाएगा. भारत में रसियन बैंक के ब्रांच से उस निर्यातक के बैंक अकाउंट में इंडियन रुपए में पेमेंट ट्रांसफर किया जाएगा.
भारत और रूस के बीच बहुत ज्यादा व्यापार नहीं होता है, लेकिन रूस ट्रेड सरप्लस में होता है. इसका मतलब, भारत जितने का निर्यात करता है उससे ज्यादा रूस से आयात करता है. यह पहली दफा नहीं है जब भारत इस तरह के ट्रेड मैकेनिज्म पर काम करेगा. एक दशक पहले ईरान के साथ भारत ने इसी तरह कारोबार स्थापित किया था. हालांकि, अमेरिकी प्रतिबंध के कारण भारत को ईरान से व्यापारिक रिश्ते तोड़ने पड़े, जबकि ईरान भारत का बहुत बड़ा तेल निर्यातक था.
वित्त वर्ष 2020-21 में भारत और रूस के बीच 8 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था. इसमें भारत ने 5.5 बिलियन डॉलर का आयात किया था, जबकि 2.5 बिलियन डॉलर निर्यात किया गया था. इस तरह भारत 3 बिलियन डॉलर ट्रेड डेफिसिट में रहा था. भारत रूस से बड़े पैमाने पर डायमंड और तेल की खरीदारी करता है. यहां से रूस को फार्मेसी और मशिनरी का मुख्य रूप से निर्यात किया जाता है.
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