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मुंबई: अमेरिका के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करने और आगे भी सख्त रूख बनाए रखने के स्पष्ट संकेत से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई, जिसके चलते शुरुआती कारोबार में रुपया 51 पैसे फिसलकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर 80.47 पर पहुंच गया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 80.47 पर कारोबार कर रहा था जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 51 पैसे की गिरावट दर्शाता है. बृहस्पतिवार को रुपया 80.27 पर खुला और शुरुआती सौदों में इसने 80.47 के रिकॉर्ड निचले स्तर को छुआ.
बाजार में गिरावट का स्थानीय मुद्रा पर असर पड़ा:
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का स्थानीय मुद्रा पर असर पड़ा. इसके अलावा कच्चे तेल के दामों में मजबूती और निवेशकों की जोखिम न लेने की प्रवृत्ति ने भी रुपये को प्रभावित किया. रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 22 पैसे की कमजोरी के साथ 79.96 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
90.27 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था:
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की वृद्ध की है. फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने यह भी कहा है कि मुद्रास्फीति से सख्ती से निपटा जाएगा. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.88 प्रतिशत चढ़कर 111.61 पर आ गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.49 प्रतिशत बढ़कर 90.27 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 461.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
न्यूज़क्रेडिट: firstindianews
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