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कैपिटल गेन टैक्स को लेकर नियम, जानिए किस तरह भरना है टैक्स, नहीं भरने पर क्या होगा?

Shiddhant Shriwas
14 Sep 2021 1:26 PM GMT
कैपिटल गेन टैक्स को लेकर नियम, जानिए किस तरह भरना है टैक्स, नहीं भरने पर क्या होगा?
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टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर क्रिप्टोकरेंसी में आपने निवेश किया है तो टैक्स रिटर्न फाइल करते समय यह जानकारी शेयर करें

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Tax on Cryptocurrency: हाल ही में इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. कई ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटी कमाई की है. ऐसे में उस कमाई पर टैक्स कैसे लगेगा, इसको लेकर कंफ्यूजन की स्थिति है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का स्टेटस अभी तक साफ नहीं है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माना जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी बिल में इसे कमोडिटी का दर्जा दिया जाएगा और टैक्स से लेकर तमाम नियम उसी के अनुरूप होंगे.

अगर आपने भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है तो आपको इससे होने वाली कमाई पर टैक्स चुकाना चाहिए या नहीं और अगर टैक्स चुकाते हैं तो किस आधार पर टैक्स चुकाना है, इसको लेकर टैक्स एक्सपर्ट्स की राय के बारे में जानते हैं. TaxBuddy के सुजीत बांगर ने सीएनबीसी टीवी18 के साथ बातचीत में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर जो कमाई हुई है उस पर दो तरीके से टैक्स चुकाया जा सकता है. उनका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग पर टैक्स को लेकर वही नियम लागू होते हैं जो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 2(14) के मुताबिक कैपिटल असेट पर लागू होते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट की जानकारी शेयर करें

बांगर ने कहा कि अगर किसी टैक्सपेयर्स ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है और उसकी टैक्सेबल इनकम 50 लाख से ज्यादा है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में ऐसे टैक्सपेयर्स को डिजिटल करेंसी इन्वेस्टमेंट का खुलासा करना चाहिए. जब वह क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग को बेचता है तो उसे या तो नुकसान होगा या फिर फायदा होगा. बेचने के बाद टैक्स रिटर्न फाइल करते समय कैपिटल गेन के नियम के मुताबिक, टैक्स भरना चाहिए.

कैपिटल गेन टैक्स को लेकर नियम

क्रिप्टोकरेंसी के लिए कैपिटल गेन टैक्स के नियम की बात करें तो अगर होल्डिंग 36 महीने से कम है तो वह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के अंतर्गत आता है. अगर वह 36 महीने से ज्यादा होता है तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहलाता है. टैक्सपेयर का इन्वेस्टमेंट किस कैटिगरी में आता है, उसी हिसाब से टैक्स लगेगा.

माइनिंग करने वालों पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं

पल्लाला चार्टर्ड अकाउंटेंट एंड इंडिया फाइलिंग्स के राजशेखर रेड्डी ने कहा कि बिटक्वॉइन होल्डर्स दो कैटिगरी के हो सकते हैं. पहला बिटक्वॉइन माइनर्स हो सकते हैं, जबकि दूसरे इन्वेस्टर्स होंगे. माइनिंग के मामले में जब वह बिटक्वॉइन बेचेगा तो यह कैपिटल गेन नहीं कहलाएगा. कुल मिलाकर टैक्स एक्सपर्ट्स का यही कहना है कि अगर आपका क्रिप्टोकरेंसी में पोर्टफोलियो है तो इसकी जानकारी रिटर्न फाइलिंग में दें. साथ ही, रिटर्न फाइल करने से पहले किसी एक्सपर्ट की मदद लें ताकि टैक्सपेयर्स को किसी तरह की परेशानी नहीं हो.

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