जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इन कंपनियों को दी गई इस ताकत के बावजूद केंद्र सरकार की अपनी भूमिका है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। वैसे आज सरकार के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाना मजबूरी भी है, पेट्रोल की कीमत दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, तो यह अभी बहुत चिंता की न सही, लेकिन विचार की बात जरूर है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले दिनों बैंक दरों में कोई बदलाव न करते हुए यह जाहिर कर दिया था कि वह बढ़ती महंगाई को रोकने के पक्ष में नहीं है और अब तेल कंपनियों द्वारा लगातार कीमत में बढ़ोतरी यह बता रही है कि केंद्र सरकार भी अभी महंगाई के प्रति गंभीर नहीं है। तभी तो लगातार छठे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई। सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 83.71 रुपये प्रति लीटर हो गई। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार, डीजल की कीमत भी संशोधित करते हुए 73.87 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। दिल्ली में सितंबर 2018 में पेट्रोल-डीजल की कीमतें इसी ऊंचाई पर थीं। करीब दो महीने के बाद तेल कंपनियों ने 20 नवंबर से तेल की कीमतों में दैनिक संशोधन शुरू किया है और असर साफ दिख रहा है। पिछले 16 दिनों में ही पेट्रोल की कीमत 2.37 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 3.12 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है। गौर करने की बात है, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 90.34 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 80.51 रुपये प्रति लीटर हो गई है। कोलकाता व चेन्नई में भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में दिल्ली के मुकाबले ज्यादा वृद्धि दिख रही है।