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चीनी कंपनियों का राजस्व 5-7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद, सरकार के इन दो फैसलों से होगा फायदा, जानिए

Bhumika Sahu
13 Oct 2021 5:29 AM GMT
चीनी कंपनियों का राजस्व 5-7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद, सरकार के इन दो फैसलों से होगा फायदा, जानिए
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इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि घरेलू और वैश्विक स्तर पर अनुकूल मूल्य निर्धारण के माहौल के साथ-साथ ईंधन मिश्रण में एथेनॉल की हिस्सेदारी में वृद्धि के कारण, चीनी कंपनियों का राजस्व वित्त वर्ष 2021-22 में साल-दर-साल आधार पर 5-7 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। घरेलू और वैश्विक कीमतों में मजबूती के बाद चीनी निर्यात और एथेनॉल मात्रा दोनों में अपेक्षित बढ़ोतरी के कारण चीनी कंपनियों के राजस्व में वित्त वर्ष 2021-22 में 5-7 फीसदी की ग्रोथ होने की संभावना है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि घरेलू और वैश्विक स्तर पर अनुकूल मूल्य निर्धारण के माहौल के साथ-साथ ईंधन मिश्रण में एथेनॉल की हिस्सेदारी में वृद्धि के कारण, चीनी कंपनियों का राजस्व वित्त वर्ष 2021-22 में साल-दर-साल आधार पर 5-7 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है.

इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा, सरकार की नीतियों के आलोक में एथेनॉल उत्पादन की ओर सुक्रोज का स्थानांतरण बढ़ने से चीनी उत्पादन को सीमित करते हुए एथनॉल की आपूर्ति में तेजी आने की संभावना है. यह चालू वित्त वर्ष में चीनी निर्यात की बेहतर संभावनाओं के साथ मिलकर चीनी के भंडार को कम करने में मदद करेगा और इस प्रकार उधारी का स्तर नीचे लाने में मदद मिलेगी.
त्योहारी मौसम में चीनी की कीमतें बढ़ी
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि के साथ-साथ त्योहारी मौसम की शुरुआत के कारण तीन साल बाद अगस्त-सितंबर 2021 में घरेलू चीनी की कीमतें बढ़कर 34,000-36,000 रुपये प्रति टन हो गईं.
इक्रा ने कहा कि अगस्त-सितंबर 2021 में अंतर्राष्ट्रीय कच्ची चीनी की कीमतें 420-440 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक पहुंच गईं, जबकि अगस्त-सितंबर 2020 में यह 270-280 डॉलर प्रति टन थी.
एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी स्टॉक को किया जाएगा ट्रांसफर
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एथेनॉल उत्पादन के लिए अतिरिक्त चीनी स्टॉक के स्थानांतरण की जरूरत पर जोर दिया. इसकी वजह यह है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की व्यवस्था के तहत दिसंबर, 2023 के बाद से चीनी के निर्यात पर सब्सिडी का प्रावधान नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि सरकार एथनॉल विनिर्माण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह देश में उत्पादित सभी एथनॉल की खरीद करेगी. एथेनॉल की आपूर्ति में वृद्धि के साथ, गडकरी ने कहा कि सरकार देश में फ्लेक्स-ईंधन इंजन वाले वाहनों को पेश करने की योजना बना रही है.
एथेनॉल की मांग 4 से 5 गुना बढ़ेगी
उन्होंने कहा कि 100 फीसदी बायो-एथेनॉल पर फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों की पेशकश के साथ एथेनॉल की मांग तुरंत 4 से 5 गुना बढ़ जाएगी. मंत्री ने चीनी मिलों को अपने स्वयं के एथनॉल पंप स्थापित करने के लिए भी कहा, जिन्हें सरकार द्वारा अनुमति दी जा रही है.
चीनी मिलों को निर्यात सब्सिडी दे रही सरकार
गडकरी ने कहा कि सरकार चीनी मिलों को अधिशेष चीनी स्टॉक को समाप्त करने के लिए 3,000 से 6,000 करोड़ रुपये की निर्यात सब्सिडी प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा, डब्ल्यूटीओ जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रति हमारी प्रतिबद्धताओं के कारण, ये सब्सिडी दिसंबर, 2023 के बाद स्वीकार्य नहीं होगी.
इस समस्या के समाधान के रूप में, गडकरी ने सुझाव दिया कि बी-हेवी मोलासेस में 15-20 प्रतिशत चीनी मिलाकर अतिरिक्त चीनी स्टॉक को एथनॉल उत्पादन की ओर मोड़ा जा सकता है.
तेल में 20 फीसदी एथेनॉल मिक्सिंग का प्रस्ताव
पेट्रोलियम ईंधन के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण का स्तर प्राप्त करने के लिए देश को वर्ष 2025 तक लगभग 10 अरब लीटर एथेनॉल की आवश्यकता होगी. मौजूदा समय में, चीनी उद्योग देश में मिश्रिण किये जाने वाले ईंधन के रूप में एथेनॉल की 90 प्रतिशत मांग को पूरा करने में अपना योगदान देता है.
उपलब्ध संसाधनों के साथ एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए गडकरी ने बी-हेवी मोलासेस में 15-20 फीसदी चीनी मिलाने का सुझाव दिया.


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