रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2025 तक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी और इस समय तक नए दोपहिया वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 13-15 फीसद हो जाएगी। इक्रा के मुताबिक वर्ष 2025 तक नए तिपहिया वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक तिपहिया की हिस्सेदारी 30 फीसद तो कॉमर्शियल बस की बिक्री में यह हिस्सेदारी 8-10 फीसद तक हो जाएगी।
हाल ही में नीति आयोग ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार के लिए बैटरी स्वैपिंग का मसौदा जारी किया है। बैटरी स्वैपिंग की सुविधा बहाल होने से चार्जिंग की लागत भी कम हो जाएगी और समय की भारी बचत होगी, क्योंकि पहले से चार्ज्ड बैटरी मिलेगी। बैटरी स्वैपिंग की सुविधा से इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल कीमत भी कम हो पाएगी, क्योंकि बैटरी लीज पर ली जा सकेगी और वाहन के साथ बैटरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे वाहन की लागत कम हो जाएगी। इस साल के बजट में बैटरी स्वैपिंग नीति लाने की घोषणा की गई थी। हालांकि, जानकारों का मानना है कि बैटरी स्वैपिंग को सफल बनाने के लिए बैटरी का पर्याप्त स्टॉक रखना होगा, जो एक चुनौती हो सकती है।
इक्रा द्वारा ऑटोमोबाइल डीलरशिप पर किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि दोपहिया वाहनों की मांग कम है, जबकि यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की मांग पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है। ऑटोमोबाइल डीलरशिप इंडस्ट्री को हाल के दिनों में कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि दोपहिया की मांग में कमी और यात्री वाहनों (PV) की बिक्री में वृद्धि हुई है। वहीं, ट्रैक्टर सेगमेंट में भी वृद्धि सीमित हुई है।
हालांकि, इस सर्वेक्षण में दोपहिया डीलरों के 80 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि मांग पिछले साल की तुलना में कमजोर बनी हुई है। स्कूटर्स की मांग प्रभावित हुई हैं। हालांकि, यात्री वाहनों की खुदरा मांग अच्छी बनी हुई है और दो साल की मंदी के बाद वाणिज्यिक वाहनों की मांग में भी सुधार हो रहा है। अध्ययन में सामने आया कि लगभग 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि पीवी और सीवी सेगमेंट में मांग पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है। इक्रा के मुताबिक 2025 तक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री में काफी इजाफा होगा और बाजार में 15 फीसद तक इलेक्ट्रिक टूृ-व्हीलर्स होंगे।