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रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स: 8100 करोड़ रुपये लौटाएगी सरकार, कंपनियों को जानिए पूरा मामला

Shiddhant Shriwas
7 Aug 2021 7:57 AM GMT
रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स: 8100 करोड़ रुपये लौटाएगी सरकार, कंपनियों को जानिए पूरा मामला
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केयर्न एनर्जी और वोडाफोन जैसी कंपनियों से रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की मांग को वापस लेने पर सरकार उनसे जुटाए गए करीब 8100 करोड़ रुपये लौटाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 'कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021' पेश किया। इसे आयकर अधिनियम 1961 में संशोधन करने के लिए लाया गया है। सरकार विवादित रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (पिछली तारीख के कर) को खत्म करने जा रही है। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स से सरकार को 8100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इसमें से 7900 करोड़ रुपये एक ही कंपनी, केयर्न एनर्जी के हैं। सरकार अब यह पैसा लौटाएगी। 2012 के कानून का उपयोग करके 17 संस्थाओं से 1.10 लाख करोड़ रुपये कर की मांग की गई थी। इनमें से बड़ी वसूली केयर्न से ही हुई है।

सरकार ने यह संशोधन इसलिए किया क्योंकि वोडाफोन और केयर्न के मामले को लेकर क्षमतावान निवेशक के मन में संशय पैदा हो गया था। मालूम हो कि सरकार के इस कदम की भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास से लेकर अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच (USISPF) ने भी तारीफ की है। कोविड-19 से उत्पन्न हालात को देखते हुए अर्थव्यवस्था में त्वरित सुधार जरूरी है। ऐसे में ऐसे प्रावधान, जिनसे निवेशकों में संशय हो, उन्हें हटाया जा रहा है।

क्या है वोडाफोन मामला?

2012 में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन समूह के मामले में कहा था कि आयकर कानून की समूह द्वारा की गई व्याख्या सही है। हिस्सेदारी खरीदने के लिए उसे कोई कर चुकाने की जरूरत नहीं है। इस पर तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वित्त विधेयक 2012 के जरिए कोर्ट के उक्त आदेश को नाकाम कर दिया था। मुखर्जी द्वारा लाए गए विधेयक को संसद ने मंजूरी दे दी थी और वोडाफोन पर फिर कर चुकाने की जिम्मेदारी आ गई थी।

क्या है केयर्न मामला?

स्कॉटलैंड की फर्म केयर्न एनर्जी पीएलसी का भी ऐसा ही मामला था। उसने भी शेयर ट्रांसफर किए थे। वह 1994 में भारत के तेल व गैस क्षेत्र में उतरी थी। उसने भारी निवेश किया था। इसके एक दशक बाद राजस्थान में भारी मात्रा में तेल व गैस मिली थी। कंपनी ने 2006 में अपनी भारतीय संपत्तियां बीएसई में सूचीबद्ध की। इसके पांच साल बाद सरकार ने ऐसे मामले में पिछले प्रभाव से कर वसूली का कानून बना दिया और केयर्न को 10,247 करोड़ का टैक्स नोटिस भेजा गया। उसकी संपत्ति भी जब्त कर ली गई।

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