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Reserve Bank of India (RBI): मुनाफा कमाने की अंधी दौड़ बंद करें ,जानिए RBI गवर्नर ने क्यों कहा ऐसा
Ritik Patel
21 Jun 2024 2:01 PM GMT
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Reserve Bank of India (RBI): RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों से मुनाफे की अंधी दौड़ के पीछे भागने से बचने को कहना है। उनका कहना है कि ग्रोथ ऐसी होनी चाहिए जिसमें रिस्क को कम करने का स्ट्रक्चर शामिल हो। ऐसा नहीं होने पर इसकी कीमत बहुत बड़ी हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल कंपनियों (NBFCs) को बेवजह के ‘मुनाफे की तलाश’ और ग्रोथ का पीछा करते हुए ऐसे रिस्क लेने से बचने का आग्रह किया, जिससे पूरे सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लाभ वाले बिजनेस मॉडल में ऐसी छिपी हुई कमजोरियां हो सकती हैं, जिनमें प्रॉफिट ऐसे रिस्क को मैनेज करने से आए। ग्रोथ ऐसी हो, जिसमें रिस्क को कम करने का स्ट्रक्चर शामिल हो, वरना इसकी कीमत बहुत बड़ी हो सकती है। दास ने कहा कि RBI के भीतर उच्च डिफॉल्ट दरों की संभावना और वित्तीय प्रणाली पर समग्र प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ी हैं।
RBI के College of Supervisors में वित्तीय मजबूती पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गवर्नर ने Financial fraud को रोकने के लिए बैंकों और NBFCs के लिए AI और मशीन लर्निंग (ML) जैसी उन्नत और उभरती टेक्नॉलजी को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मुख्य मानदंड अच्छे दिख रहे हैं, लेकिन मानकों में ढील, उचित वैल्यूएशन का अभाव और कुछ लोन देने वालों के बीच अनसिक्योर्ड लोन को बढ़ावा देने के लिए अंधी दौड़ में शामिल होने की मानसिकता के साफ सुबूत हैं। हमने सोचा कि अगर इन कमजोरियों पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह एक बड़ी समस्या बन सकती हैं। इसलिए, हमने सोचा कि पहले से ही कार्रवाई करना और लोन ग्रोथ को धीमा करना बेहतर है। समय पर की गई कार्रवाई से अनसिक्योर्ड लोन में कमी आई है।
गवर्नर इस बात पर संतोष जाहिर किया कि आरबीआई की कार्रवाई का सही असर पड़ा है। अनसिक्योर्ड लोन बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है। क्रेडिट कार्ड सेक्टर में ग्रोथ आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30% से घटकर अब 23% हो गई है, जबकि NBFC को बैंक लोन देने की वृद्धि पहले के 29% से घटकर 18% हो गई है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'भारत का घरेलू वित्तीय तंत्र अब covid crisis के दौर में प्रवेश करने से पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत स्थिति में है। भारतीय वित्तीय तंत्र अब बहुत मजबूत स्थिति में है, जिसकी विशेषता मजबूत पूंजी पर्याप्तता, RNPA का निम्न स्तर और बैंकों और NBFC की हेल्दी प्रॉफिट हैं।
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Ritik Patel
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