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रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी हुई, 0.35% बढ़ाकर 6.25 % हुआ: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

jantaserishta.com
7 Dec 2022 4:50 AM GMT
रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी हुई, 0.35% बढ़ाकर 6.25 % हुआ: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

सभी तरह के लोन हो जाएंगे महंगे।
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस साल लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दिया है. RBI ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है. RBI के मुताबिक अब रेपो रेट 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो जाएगा. इस फैसले के साथ ही अब होम लोन (Home Loan) समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे.एमपीसी बैठक के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने बुधवार को नीतिगत दरें बढ़ाए जाने का ऐलान किया.
देश के आम आदमी को एक बार फिर जोर का झटका लगा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी के बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दरों (Repo Rate) में इस साल लगातार पांचवीं बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके बाद होम लोन-ऑटो लोन समेत सभी तरह का कर्ज महंगा हो जाएगा और लोगों को ज्यादा EMI भरनी होगी.
पहले से ही रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान जाहिर किया जा रहा था. कई मीडिया रिपोर्ट्स में एक्सपर्ट्स ने आशंका जाहिर की थी कि केंद्रीय बैंक महंगाई में राहत के बावजूद नीतिगत दरों में 25-35 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी कर सकता है. गौरतलब है कि लंबे समय से देश में महंगाई (Inflation) उच्च स्तर पर बनी हुई थी, लेकिन बीते अक्टूबर महीने में इसमें गिरावट देखने को मिली है.
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला मई 2022 महीने से शुरू किया गया था. तब रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. इसके अगले महीने जून में फिर RBI ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा किया. ये सिलसिला जारी रहा और अगस्त महीने में 0.50 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली, जबकि सितंबर में भी केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को 0.50 फीसदी बढ़ाया था. अब ये पांचवीं बार है, जब केंद्रीय बैंक ने लोगों की जेब का खर्च बढ़ाया है.
रेपो दर (Repo Rate) रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से सभी तरह का Loan महंगा हो जाता है और इसी क्रम में ईएमआई में भी इजाफा देखने को मिलता है.
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