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नई दिल्ली: अग्रणी खुदरा विक्रेता रिलायंस रिटेल ने अपने स्टोर में नए कार्यकारी-नेतृत्व वाली भूमिकाओं के कर्मचारियों की 'जॉइनिंग'(नौकरी से जुड़ना) के समय एक अनूठा समुदाय-आधारित मानव संसाधन तरीका अपनाया है.
रिलायंस रिटेल ने आंतरिक स्तर पर इसे 'कर्ता सेरिमनी' का नाम दिया है जो देशभर में तेजी से खुल रहे कंपनी के स्टोर से जुड़ने वाले नए कार्यकारियों को प्रोत्साहित करता है. इसमें नए कर्मचारी की आंख पर पट्टी बांधकर उसे एक खास कुर्सी पर बिठाया जाता है और उस समय उसके रिश्तेदार, स्टोर के सभी कर्मचारी एवं वेंडर भी मौजूद रहते हैं. कई घंटों तक चलने वाली कर्ता सेरिमनी पूरी होने के बाद नए कर्मचारी को उस स्टोर का ब्योरा एवं चाबियां सौंप दी जाती हैं. इस समय स्टोर की भौगोलिक स्थिति के आधार पर अलग-अलग परंपराओं का पालन किया जाता है. मसलन, अगर वह स्टोर असम में स्थित है तो कर्मचारी का स्वागत असमिया संस्कृति के हिसाब से किया जाता है.
रिलायंस रिटेल इस समय देश भर में 17,225 स्टोर का परिचालन कर रही है. इस अनूठी सेरिमनी के बारे में कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी जी आर वेंकटेश ने पीटीआई-भाषा से कहा कि खुदरा क्षेत्र दुनिया में मानव-सघन क्षेत्रों में से एक है. हमें इस बात का गर्व है कि हम अपने लाखों कर्मचारियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी मानव संसाधन नीति संचालित कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कर्ता एक विशेष समारोह है और इसकी जड़ें भारतीय संस्कृति एवं लोकाचार से जुड़ी हुई हैं. इसमे अगुवा को परिवार के मुखिया के तौर पर देखा जाता है. ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति अपने दायित्व को सिर्फ काम का हिस्सा भर नहीं मानता है. अगुवा अपने स्टाफ को परिवार का सदस्य मानने लगता है. इससे स्टोर का स्टाफ खुश रहता है जिसका नतीजा ग्राहकों की खुशी के रूप में सामने आता है. रिलायंस रिटेल ने हाल ही में जर्मन खुदरा विक्रेता मेट्रो के भारतीय थोक कारोबार का अधिग्रहण करने और उसके 3,500 कर्मचारियों को बनाए रखने की भी घोषणा की है. इसके अलावा इसने फ्यूचर समूह के 30,000 से अधिक कर्मचारियों को भी नौकरी देने की पेशकश की थी.
Admin4
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