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नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने चीन से आयातित कुछ फ्लैट रोल्ड इस्पात उत्पादों पर 18.95 प्रतिशत का प्रतिपूर्ति शुल्क (सीवीडी) पांच साल के लिए जारी रखने की सिफारिश की है. इस कदम का मकसद घरेलू विनिर्माताओं को चीन से सब्सिडी वाले आयात से बचाना है.
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने इस मामले की समीक्षा के बाद प्रतिपूर्ति शुल्क को पांच साल के लिए जारी रखने का सुझाव दिया है. जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड और जिंदल स्टेनलेस (हिसार) लिमिटेड ने संयुक्त रूप से इस जांच को शुरू करने के लिए डीजीटीआर के समक्ष आवेदन किया था. निदेशालय की एक अधिसूचना के अनुसार, उन्होंने आयात पर प्रतिपूर्ति शुल्क जारी रखने का आग्रह किया था.
आवेदकों के अनुसार, मौजूदा शुल्क की समाप्ति के बाद चीन से इन उत्पादों की आपूर्ति बढ़ने की संभावना है और इसका असर घरेलू उद्योग पर पड़ेगा. अप्रैल-सितंबर, 2022 में इन उत्पादों का आयात सालाना आधार पर बढ़कर 3,43,893 टन हो गया. अक्टूबर-दिसंबर, 2022 में यह और बढ़कर 4,42,058 टन हो गया. डीजीटीआर जहां यह शुल्क लगाने की सिफारिश करता है, वहीं इस पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय करता है.
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