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रेडी टू कुक पराठा पर 18 फीसदी लगेगा GST, होगा महंगा, जानिए

Bhumika Sahu
9 Sep 2021 4:45 AM GMT
रेडी टू कुक पराठा पर 18 फीसदी लगेगा GST, होगा महंगा, जानिए
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GST: अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग की गुजरात बेंच ने फैसला सुनाया है कि 'पराठे' पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खाद्य उत्पादों पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) रेट पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) की गुजरात बेंच ने फैसला सुनाया है कि 'पराठे' (Parathas) पर 18 फीसदी जीएसटी (GST) लगेगा. पराठा खाने के शौकिनों के लिए ये बड़ा झटका है. जीएसटी का नियमन करते हुए अथॉरिटी ने पराठे को 18 फीसदी के स्लैब में रखा है. मतलब यह कि रोटी पर लगने वाला जीएसटी 5 फीसदी होगा लेकिन पराठे पर 18 फीसदी का टैक्स देना होगा.

वाडीलाल इंडस्ट्रीज (Vadilal Industries) ने यह जानना चाहा कि क्या उनके द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के 'पराठे' पर 'खाखरा' (khakhra), सादा चपाती (plain chapati ) या 'रोटी' (roti) के अनुरूप 5 फीसदी जीएसटी लगेगा. अपने तर्क की पुष्टि के लिए कंपनी ने विभिन्न अंग्रेजी शब्दकोशों और विकिपीडिया से 'पराठा' शब्द की परिभाषा दी, क्योंकि यह उनके तहत जीएसटी कानूनों और नियमों में परिभाषित नहीं है.
गुजरात एएआर ने क्या कहा?
हालांकि, अथॉरिटी ने कहा कि 'खाखरा', सादा चपाती या 'रोटी' पकी हुई होती और इसे खाने के लिए दोबारा पकाने की जरूरत नहीं होती और यह खाने के लिए तैयार होता है. दूसरी ओर, कंपनी द्वारा सप्लाई किया जाने वाला 'पराठा' न केवल उनसे अलग है, बल्कि इसे खाने लायक बनाने के लिए और प्रोसेसिंग करने की जरूरत पड़ती है.
एएआर ने अपने आदेश में कहा, 'रोटी (1905) कैटेगरी के अंतर्गत आने वाले प्रोडक्ट्स पहले से तैयार और पूरी तरह से पकाए गए फूड होते हैं जबकि दूसरी ओर पराठा को खाने से पहले गर्म करना होता है.
इससे पहले, कर्नाटक अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने फैसला दिया था कि पराठे पर 18 फीसदी जीएसटी दर लगेगा. पीठ ने रोटी और पराठे पर अलग-अलग जीएसटी लगाने का फैसला देते हुए दलील दी कि रोटी पहले से ही बना-बनाया या पूरी तरह से पका हुआ उत्पाद है, जबकि पराठा को खाने के लिए परोसने से पहले गरम करना पड़ता है.
पापड़ पर GST लगेगा या नहीं
जीएसटी की दर को लेकर गुजरात की अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) बेंच ने एक नया ऐलान किया है. AAR ने कहा है कि पापड़ पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा. यानी कि पापड़ पर जीएसटी की दर शून्य होगी.
गुजरात की एएआर ने बेंच ने कहा है कि पापड़ पहले हाथ से बनाए जाते थे और इसका आकार गोल होता था. अब पापड़ अलग-अलग प्रकार और आकार में बनाए जाते हैं. गुजरात बेंच ने कहा, अलग-अलग पापड़ बनाने की जहां तक बात है तो 'इनग्रेडिएंट' (कच्चे माल) के मामले में यह एक समान है, निर्माण और इस्तेमाल का तरीका भी समान है, इसलिए पापड़ को HSN 19059040 की श्रेणी में रखा जाएगा और इस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा.


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