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RBI warning: यूपी-बिहार में लगातार बढ़ रही लोन बांटने वाली कंपनियों की संख्या
Apurva Srivastav
9 July 2024 2:52 AM GMT
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RBI warning : (RBI) का कहना है कि बिहार और उत्तर प्रदेश (Bihar and Uttar Pradesh) में छोटे लोन डिफॉल्ट का खतरा बढ़ रहा है। ये लोन बिना किसी गारंटी और बिना आय के दिए जाते हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि अगर कोई जमानत नहीं भी है, तो भी बैंक सीधे कर्जदार से वसूली कर सकता है।
सूक्ष्म उद्यम और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं (non-banking financial institutions) 10,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक के छोटे नोट जारी करती हैं। इस संबंध में हर कंपनी और बैंक के अलग-अलग नियम हैं। कुछ संस्थाएं 50,000 रुपये से अधिक का लोन भी देती हैं। बिना जमानत के दिए जाने वाले इन लोन में जोखिम हमेशा बना रहता है।
साल 2010 की बात है, जब बैंक और गैर-बैंकिंग संस्थाएं लोगों को बड़े पैमाने पर छोटे लोन (small loans) बांट रही थीं। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग कर्ज में डूब गए और राज्य सरकार ने लोन वसूली पर रोक लगा दी। इस मामले में लोग सरकार से मदद की मांग करते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने 2010 में एक कानून पारित किया, जिसमें छोटे लोन की वसूली पर रोक लगा दी गई। इसके चलते बैंकों और गैर-बैंकिंग कंपनियों पर भारी बोझ पड़ा। अब दोनों राज्यों में यही स्थिति दिख रही है।
बिहार में लगातार लोन देने वालों की संख्या बढ़ रही है। (The number of loan givers is increasing continuously in Bihar)
देश में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों (microfinance companies) की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर बिहार में साल 2019 से इनकी संख्या में काफी इजाफा हुआ है। साल 2019 में 20 से 25 कंपनियां लोन दे रही थीं, अब इनकी संख्या 40 को पार कर गई है। बिहार में स्थिति यूपी से ज्यादा गंभीर है।
लेकिन अब RBI ने भी चेतावनी दी है कि अगर लोन जारी करने में कमी नहीं की गई तो पैसा डूब सकता है। इस विषय पर हाल के दिनों में वित्तीय कंपनियों (financial companies) के निदेशकों की लगातार बैठकें हुईं, जिसमें लोन लेने के बाद उसके भुगतान को लेकर चिंता जताई गई। गया, गया, गया... गया, गया, गया
बिहार राज्य- Bihar State
10.1 प्रतिशत लोगों ने
लिया 8.7 प्रतिशत
राज्य ऊपर
7.7
6.6 प्रतिशत लोगों ने
लिया राष्ट्रीय औसत
8.7
लिया 6.4 प्रतिशत
बढ़ानी होगी लोन वसूली (Loan recovery will have to be increased)
बैंकिंग विशेषज्ञ अश्विनी राणा के अनुसार। गैर-बैंकिंग संस्थाएं अंधाधुंध और बिना किसी गारंटी (guarantee) के छोटे-छोटे लोन बांटती हैं। इससे लोन डिफॉल्ट (default) होने का खतरा बढ़ जाता है। खास तौर पर तब जब कोई व्यक्ति एक साथ कई जगहों पर लोन के लिए अप्लाई करता है। अगर आप एक जगह लोन नहीं चुका पाते हैं तो दूसरी जगह लोन चुकाने की संभावना भी कम हो जाती है। अब बिहार यूपी में बैंकों और गैर-बैंकिंग संस्थाओं को लोन देने में कमी का सामना करना पड़ेगा।
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Apurva Srivastav
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