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2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को संशोधित कर 5.2 फीसद कर दिया गया है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक आज से शुरू होगी। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद सात अप्रैल को केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करेगा। चालू वित्त वर्ष में यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी।
जानकारों का कहना है कि खुदरा महंगाई की ऊंची दरों को देखते हुए केंद्रीय बैंक इस बार नीतिगत दरों में बदलाव से परहेज कर सकता है। एमपीसी केंद्रीय बैंक की समिति है जो नीतिगत दरों पर फैसला करती है। आरबीआइ ने मई, 2020 में आखिरी बार नीतिगत दरों में कटौती की थी। उसके बाद से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस समय रेपो रेट चार फीसद और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई को नियंत्रित रखना केंद्रीय बैंक का अहम उद्देश्य है। इसे प्रभावित किए बिना किसी कदम की संभावना के लिए रिजर्व बैंक अभी सही समय का इंतजार करेगा।
पिछली बैठक के बाद दास ने कहा था कि वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 फीसद पर रह सकती है। साथ ही कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को संशोधित कर 5.2 फीसद कर दिया गया है।
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