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RBI ने सरकारी से लेकर प्राइवेट बैंकों पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, जाने क्या हैं बातें

Bhumika Sahu
8 July 2021 3:57 AM GMT
RBI ने सरकारी से लेकर प्राइवेट बैंकों पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, जाने क्या हैं बातें
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नियमों के उल्लंघन के आरोप में भारतीय रिजर्व बैंक ने तमाम बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की. इसके लिए बैंकों पर जुर्माना भी लगाया गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विभिन्न नियमों के उल्लंघन के चलते बंधन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) समेत 14 बैंकों पर मौद्रिक दंड लगाया है. इन 14 बैंकों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, विदेशी बैंक, सहकारी बैंक और एक लघु वित्त बैंक शामिल हैं. इस बात की जानकारी खुद रिजर्व बैंक की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई.

आरबीआई ने कहा,'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त और 'ऋण-अग्रिम और अन्य प्रतिबंधों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने की वजह से कार्रवाई की जा रही है.' एक सूत्र के अनुसार, इन बैंकों पर आरबीआई का दंड मुख्य रूप से संकटग्रस्त दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) और उसकी समूह कंपनियों के साथ बैंकों के व्यवहार से जुड़ा है.
आरबीआई की विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिजर्व बैंक द्वारा एक समूह की कंपनियों के खातों की जांच में यह पाया गया कि बैंक आरबीआई द्वारा जारी एक या अधिक उपरोक्त निर्देशों के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहे हैं. साथ ही बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधान का उल्लंघन किया है.
इस सिलसिले में बैंकों को नोटिस जारी किया गया था और कारण बताने को कहा था. जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर कार्रवाई की गई. अन्य बैंकों पर जिनके खिलाफ मौद्रिक दंड लगाया गया है उनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, क्रेडिट सुइस, इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक, कर्नाटक बैंक, करूर वैश्य बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, साउथ इंडियन बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक और उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक शामिल हैं.
इन दो बैंकों पर भी हुई थी कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ दिनों पहले ​साइबर सुरक्षा से जुड़े नियमों के उल्लंघन के आरोप में पंजाब एवं सिंध बैंक (Punjab and Sind Bank) पर भी कार्रवाई की थी. बैंकों पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था. आरबीआई के अनुसार बैंक ने साइबर सुरक्षा संरचना नियमों का पालन नहीं किया है. सरकार के स्वामित्व वाले इस बैंक को 16 मई और 20 मई, 2020 को कुछ साइबर घटनाओं की जानकारी दी गई थी, इसके बावजूद उसने लापरवाही की.


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