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RBI ने नहीं बदला ब्याज दर तो अब EMI कम करने के क्या हैं रास्ते? जानें यहां

Renuka Sahu
4 Aug 2021 3:02 AM GMT
RBI ने नहीं बदला ब्याज दर तो अब  EMI कम करने के क्या हैं रास्ते? जानें यहां
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फाइल फोटो 

रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक आज से शुरू हो रही है. ये बैठक 6 अगस्त तक चलेगी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक आज से शुरू हो रही है. ये बैठक 6 अगस्त तक चलेगी. कोराना महामारी के चलते तमाम एक्सपर्ट्स ये मान रहे हैं कि रिजर्व बैंक इस बार भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. लेकिन इससे ज्यादा नजर इस बात पर रहेगी कि RBI का रुख क्या रहता है, रीटेल महंगाई और ग्रोथ को लेकर उसके अनुमान क्या रहेंगे.

क्या रिजर्व बैंक ब्याज दरें बदलेगा?
पिछली बैठक जून में हुई थी, जिसमें रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में अपना फैसला दिया था, ये छठा मौका था जब रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को जस का तस छोड़ दिया. भारतीय रिजर्व बैंक इस बार भी क्रेडिट पॉलिसी रिव्यू में ब्याज दरों में कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा. ये अनुमान रेटिंग ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर और वरिष्ठ अर्थशास्त्री वृंदा जागीरदार ने जताया है. इसके अलावा डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि रिजर्व बैंक Wait and watch की नीति अपनाएगा क्योंकि मौद्रिक नीति में बदलाव की सीमित गुंजाइश ही है.
ब्याज दरों में बदलाव की गुंजाइश कम
इसके अलावा Pwc इंडिया के लीडर-आर्थिक सलाहकार- सर्विसेज रानेन बनर्जी का कहना है कि अमेरिकी फेड रिजर्व और दूसरे मुख्य केंद्रीय बैंकों ने यथास्थिति को कायम रखा है. हमारी मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी भी इसी रास्त पर चलेगी. श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO उमेश रेवणकर ने भी कहा कि RBI ऊंची महंगाई दर के बावजूद रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखेगा. रेवणकर ने कहा कि रीटेल महंगाई की मुख्य वजह ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी है, जो कि कुछ समय में कम हो जाएगी और महंगाई का दबाव कम हो जाएगा.
तय सीमा से ऊपर है रीटेल महंगाई दर
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) में रीटेल महंगाई प्रमुख कारक है. रिजर्व बैंक ने (+/-2) परसेंट मार्जिन के साथ 4 परसेंट पर तय रखा है.
जून-नवंबर 2020 के बीच महंगाई दर अपने तय सीमा से ऊपर रही थी. फिर मई और जून 2021 में भी महंगाई दर अपने तय सीमा से ऊपर चली गई है. जून में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर 6.26 परसेंट थी, इससे पिछले महीने यह 6.3 परसेंट रही थी.
बोफा ग्लोबल रिसर्च (BofA Global Research) की रिपोर्ट में कहा गया है कि RBI की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) 6 अगस्त की समीक्षा में ब्याज दरों को यथास्थिति को कायम रखेगी. हालांकि, MPC CPI महंगाई दर के अनुमान को 5.1 परसेंट से बढ़ा सकती है.


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