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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे बैठक के नतीजे की घोषणा, जानें आपकी लोन पर क्या होगा असर
Bhumika Sahu
6 Aug 2021 4:07 AM GMT
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बता दें कि RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय एमपीसी महत्वपूर्ण नीतिगत दरों पर फैसला लेती है. पिछली बैठक में एमपीसी ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) की बुधवार को शुरू हुई बैठक के फैसले की आज घोषणा करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति के दबावों के बीच केंद्रीय बैंक ब्याज दरों पर यथास्थिति का विकल्प चुन सकता है. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी में तीन बाहरी सदस्य भी शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई मौद्रिक नीति के मोर्चे पर कोई बड़ा फैसला करने से पहले थोड़ा और इंतजार करेगा, क्योंकि केंद्रीय बैंक का ध्यान मुद्रास्फीति के प्रबंधन के साथ ही आर्थिक वृद्धि को बल देने पर भी है.
बता दें कि RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय एमपीसी महत्वपूर्ण नीतिगत दरों पर फैसला लेती है. पिछली बैठक में एमपीसी ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
एक्सपर्ट्स की राय
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि कुछ औद्योगिक देशो में तेज सुधार के बाद जिंसों के ऊंचे दाम और वैश्विक स्तर पर कीमतों में बढ़ोतरी का उत्पादन की लागत पर असर पड़ेगा. उनका मानना है कि अभी RBI वेट एंड वॉच की नीति अपनाएगा, क्योंकि इसके बाद मौद्रिक नीति में बदलाव की सीमित गुंजाइश ही है.
PwC India के लीडर-इकोनॉमिक एडवाइजर सर्विसेज रानेन बनर्जी ने कहा कि US FOMC और अन्य प्रमुख मौद्रिक प्राधिकरणों ने यथास्थिति को बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि वे एमपीसी से भी इसी तरह की यथास्थिति की उम्मीद कर सकते हैं.
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के मैनेजिंग डायरेक्ट और CEO उमेश रेवणकर ने कहा कि ऊंची मुद्रास्फीति के बावजूद केंद्रीय बैंक रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर कायम रखेगा. रेवणकर ने कहा, मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी ईंधन की कीमतों के कारण हुई है, जो कुछ समय में सामान्य हो जाएगी और मुद्रास्फीति का दबाव कम हो जाएगा.
बता दें कि रिजर्व बैंक जो मुख्य रूप से अपनी मौद्रिक नीति पर पहुंचते समय खुदरा मुद्रास्फीति में कारक है को सरकार द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति को 2 फीसदी के मार्जिन के साथ 4 फीसदी पर रखने के लिए अनिवार्य किया गया है.
लगातार छठी बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं
जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 6.26 फीसदी रही है. इससे पिछले महीने यह 6.3 फीसदी पर थी. जून एमपीसी बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बेंचमार्क ब्याज दर को 4 फीसदी पर अपरिवर्तित छोड़ दिया था. यह लगातार छठी बार था कि एमपीसी ने ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखी.
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