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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पॉलिसी की घोषणाओं से शेयर बाजार (Stock Market) में शानदार तेजी आई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पॉलिसी की घोषणाओं से शेयर बाजार (Stock Market) में शानदार तेजी आई है. आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने और उदार रुख बनाए रखने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल आया है. सेंसेक्स में 500 अंकों से बढ़त आई है जबकि निफ्टी 17600 के पार निकल गया है. आरबीआई के सरप्राइज फैसले से बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज शेयरों मे खरीदारी से बाजार को सपोर्ट मिला है. फिलहाल सेंसेक्स 530 अंकों की तेजी के साथ 58,996 के स्तर पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी में 150 अंकों से ज्यादा की बढ़त है.
कारोबार के दौरान एफएमसीजी को छोड़ सभी सेक्टरोल इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहा है. सबसे ज्यादा तेजी निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 1.37 फीसदी दर्ज की गई है. इसके अलावा, निफ्टी मेटल 1.21 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक 1.29 फीसदी, निफ्टी बैंक इंडेक्स 1.37 फीसदी चढ़ा है.
आज के टॉप गेनर्स में कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, पावग्रिड, बजाज फिनसर्व, इंफोसिस, एसबीआई शामिल हैं. वहीं गिरने वाले शेयरों में मारुति, एशियन पेंट्स, डॉ रेड्डीज, आईटीसी, एचयूएल, सन फार्मा, भारती एयरटेल, टाइटन शामिल हैं.ॉ
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. इसे 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा. साथ ही आरबीआई ने मुद्रास्फीति की ऊंची दर के बीच नीतिगत मामले में उदार रुख को बरकरार रखा. यह लगातार 10वां मौका है जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे पहले 22 मई, 2020 को मांग को गति देने के इरादे से रेपो दर में कमी कर इसे रिकॉर्ड निचले स्तर पर लाया गया था.
खुदरा मुद्रास्फीति के 2022-23 में 4.5 फीसदी रहने का अनुमान
RBI ने कहा कि फसल उत्पादन बेहतर रहने, आपूर्ति की स्थिति में सुधार को लेकर किये गये उपायों और मानूसन अच्छा रहने की संभावना के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के एक अप्रैल, 2022 से शुरू अगले वित्त वर्ष में 4.5 फीसदी पर आ जाने की संभावना है. मुद्रास्फीति का यह अनुमान आरबीआई के संतोषजजनक स्तर के काफी करीब है.
हालांकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी से इसके ऊपर जाने जोखिम बना हुआ है. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 5.3 फीसदी पर बरकरार रखा है.
अगले वित्त वर्ष 7.8 फीसदी GDP ग्रोथ का अनुमान
सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत के मुकाबले अगले वित्त वर्ष के लिए 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान. भारत में दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अलग तरह से पुनरुद्धार हो रहा है, देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा. आरबीआई वृद्धि के पुनरुद्धार के लिए उदार रुख को जारी रखेगा, महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रखा है.
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