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RBI लगातार दूसरी बार दे सकती है राहत, नहीं आएगी बढ़ती ब्याज की दरों

Tara Tandi
5 Jun 2023 11:54 AM GMT
RBI लगातार दूसरी बार दे सकती है राहत, नहीं आएगी बढ़ती ब्याज की दरों
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक बार फिर देश की जनता को बड़ी राहत दे सकता है। यह राहत बढ़ती ब्याज दरों से है। जी हां, इसी हफ्ते आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग होने वाली है। यह बैठक 6 से 8 जून के बीच होगी. 8 जून को आरबीआई एमपीसी पॉलिसी रेट की घोषणा करेगा। जानकारों की मानें तो इस बार पॉलिसी रेट में किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है। दरअसल, महंगाई आरबीआई के टॉलरेंस लेवल से कम है। अप्रैल के महीने में खुदरा महंगाई 18 महीने के निचले स्तर पर थी। वहीं, खुदरा महंगाई दर मई में भी 5 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई ब्याज दरों में न तो बढ़ोतरी करेगा और न ही कटौती करेगा।
एक साल में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी
इससे पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक कमोडिटी कीमतों में इजाफा हुआ था। जिसकी वजह से भारत समेत पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ गई थी। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भारत के केंद्रीय बैंक ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 250 आधार अंकों यानी 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी है। जिसके बाद रेपो रेट 6.50 प्रतिशत हो गया। अप्रैल के महीने में आरबीआई एमपीसी ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस बार भी यही उम्मीद है।
महंगाई कम हो रही है
मार्च और अप्रैल के महीने में महंगाई के आंकड़े कम रहे। अगर अप्रैल की बात करें तो देश की खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी से घटकर 4.7 फीसदी पर आ गई, जो 18 महीने का सबसे निचला स्तर था. जबकि एक साल पहले खुदरा महंगाई दर 7.8 फीसदी थी। वहीं, थोक महंगाई के आंकड़ों में भी काफी कमी आई है। आरबीआई ने खुदरा महंगाई का लक्ष्य 4 से 6 फीसदी रखा है. देश की खुदरा महंगाई मार्च और अप्रैल दोनों महीनों में 6 फीसदी के ऊपरी दायरे से नीचे है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं
डीबीएस बैंक इंडिया की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव के मुताबिक, जीडीपी के मजबूत आंकड़े आरबीआई को जून में ब्याज दरों में एक और ठहराव दे सकते हैं। राव का कहना है कि हालांकि एमपीसी दरों को अपरिवर्तित रखने पर सर्वसम्मति से फैसला हो सकता है, लेकिन भविष्य में इस तेजतर्रार रुख पर राय में बदलाव देखने को मिल सकता है। एचएसबीसी के अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि आरबीआई इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। उम्मीद है कि अगले साल के शुरुआती महीनों में ब्याज दरों में कटौती की जाएगी। इससे पहले, एमपीसी ने महामारी के दौरान आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में 115 आधार अंकों की कटौती कर रिकॉर्ड 4 प्रतिशत कर दिया था।
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