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रिजर्व बैंक ने हर रोज उड़ाए इतने हजार करोड़

Tara Tandi
24 May 2023 8:15 AM GMT
रिजर्व बैंक ने हर रोज उड़ाए इतने हजार करोड़
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लगातार मजबूत हो रहे अमेरिकी डॉलर (यूएसडी) से दुनिया की मुद्राओं (वैश्विक मुद्राओं) की हालत खराब होती जा रही है। बाकियों से तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति में होने के बावजूद भारतीय मुद्रा भारी घाटे में है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान रुपये के मूल्य में जबरदस्त गिरावट आई है। हालात यह हैं कि रिजर्व बैंक के तमाम उपाय भी रुपये को बचाने के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं।
रोज इतना बड़ा दखल
ताजा आंकड़े बताते हैं कि कुल मिलाकर रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 212.57 अरब डॉलर खर्च किए, जबकि दूसरी तरफ 187.05 अरब डॉलर की खरीदारी की। इस तरह पिछले वित्त वर्ष के दौरान रुपये की अस्थिरता को संभालने के लिए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा बाजार में कुल 399.62 अरब डॉलर का हस्तक्षेप किया।
रुपये के मूल्य में गिरावट
इतने बड़े पैमाने पर रिजर्व बैंक के दखल के बाद भी पिछले वित्त वर्ष के दौरान रुपये की कीमत में काफी गिरावट आई। इस समय रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 83 के रेट पर है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान जुलाई के महीने में रुपया डॉलर के मुकाबले पहली बार गिरकर 80 के पार गया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, जो 31 मार्च को समाप्त हुआ, डॉलर के मुकाबले रुपये में 7.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा भंडार अभी इतना है
भारतीय मुद्रा 'रुपया (INR)' के लिए यह सबसे बुरा दौर है। पिछले कुछ समय के दौरान रुपये की कीमत (IndianRupee Value) बहुत तेजी से घटी है. रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर डालें तो सितंबर 2021 की शुरुआत में यह 642.450 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 60 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, अब इसमें फिर सुधार हुआ है और अप्रैल के अंत में यह 600 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है।
ऐसे करता है आरबीआई कंट्रोल
रुपये की गति को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक अपने पास रखे विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। जब रुपये का मूल्य तेजी से गिर रहा होता है तो रिजर्व बैंक अपने भंडार से डॉलर निकालकर बाजार में फेंक देता है। वहीं दूसरी ओर जब रुपये की दर में सुधार होता है तो सेंट्रल बैंक रिजर्व को मजबूत करने पर ध्यान देने लगता है। रिजर्व बैंक ने पिछले साल कहा था कि रुपये में तेज गिरावट की स्थिति में वह बाजार में करीब 100 अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा डाल सकता है।
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