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भारत में अचानक बच्चों में टोमैटो फ्लू के मामले बढ़ते दिख रहे हैं। केरल में इस फ्लू के पहले मामले बाद आज 82 कुल मामले हो गए हैं। कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स की तरह टोमैटो फ्लू भी एक वायरल इंफेक्शन है। इसे हैंड, फुट और माउथ डिज़ीज़ का ही एक वेरिएंट माना जा रहा है। यह 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ही संक्रमित कर रहा है।
इसके कुछ लक्षण कोविड, मंकीपॉक्स, डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते हैं। मंकीपॉक्स की तरह टोमैटो फ्लू से संक्रमित मरीज़ो की त्वचा पर चकत्ते, बुखार और फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं। तेज़ बुखार, चकत्ते, जोड़ों में तेज़ दर्द बच्चों में दिखने वाले टोमैटो फीवर के आम लक्षण हैं। लाल और दर्दनाक छाले बड़े होकर टमाटर के आकार के हो जाते हैं। यह छाले काफी कुछ मंकीपॉक्स में होने वाले छोलों की तरह ही दिखते हैं। दूसरे लक्षणों में कमज़ोरी, मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, पानी की कमी, जोड़ों में सूजन, बदन दर्द और आम फ्लू जैसे संकेत शामिल हैं।
Monkeypox vs Tomato: निदान का तरीका
लोगों में मंकीपॉक्स के साइड-इफेक्ट्स ठीक वैसे ही होते हैं जैसे की चेचक या चिकनपॉक्स में देखे जाते हैं, क्योंकि यह तीनों ही एक तरह के वायरस से होते हैं। मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है और यह करीबी कॉन्टेक्ट की वजह से होता है मनुष्य से मनुष्य में या फिर चूहों, बंदर या गिलहरी के ज़रिए हो सकता है।
लेकिन टोमैटो फ्लू किस वायरस की वजह से होता है इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं है। टोमैटो फ्लू का पता लगाने के लिए अभी तक कोई टेस्ट नहीं है, लेकिन अगर टेस्ट में दूसरे वायरस इन्फेक्शन का पता नहीं चलता है, तो फिर बीमारी को टोमैटो फ्लू ही माना जाता है।