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राकेश झुनझुनवाला ने बताया- नए जमाने की टेक कंपनियों से ज्यादा इन 2 सेक्टर पर है भरोसा

Kunti Dhruw
17 July 2021 11:11 AM GMT
राकेश झुनझुनवाला ने बताया- नए जमाने की टेक कंपनियों से ज्यादा इन 2 सेक्टर पर है भरोसा
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दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का मानना है

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का मानना है कि वह मेटल प्रोड्यूसर और बैंक के शेयरों में निवेश कर ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) नए जमाने की टेक कंपनियों पर कम भरोसा करते हैं। भारत के शेयर बाजार (Stock Market) में नए जमाने की टेक कंपनियां इन दिनों धड़ाधड़ लिस्ट हो रही है। राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने कहा, "मैं इन कंपनियों में निवेश करना नहीं चाहता। नए जमाने की टेक कंपनियाँ अब तक अपना भरोसा नहीं जमा पाई है।" दिलचस्प यह है कि नए जमाने की टेक कंपनियां काफी सालों से घाटे में चल रही है।

RJ ने सेल में किया निवेश
अप्रैल- जुलाई 2021 अवधि में राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने सेल के 5.75 करोड़ शेयर खरीदे है।अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्टील और आयरन की कीमतें अपने रिकॉर्ड हाई पर है। शॉर्ट और मीडियम टर्म में स्टील और आयरन का कारोबार करने वाली कंपनियों की कमाई में बढ़त होती दिखेगी। सेल (SAIL) सिर्फ स्टील बनाने का काम करती है जिससे कंपनी को स्टील की बढ़ती कीमतों का फायदा जरुर मिलेगा।
महंगाई दर पर आश्वस्त हैं आरजे
भारत के वारेन बफे माने जाने वाले राकेश झुनझुनवाला भारत में टैक स्टार्टअप के वैल्यूएशन से संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें लगता है कि वेंचर कैपिटल के पैसे से फंड किए जाने वाले संस्थान हैं, इनका वैल्यूएशन उचित नहीं लगाया गया है। झुनझुनवाला ने कहा, " new-age कंपनियों और क्रिप्टो करेंसी के अलावा शेयर बाजार और पूंजी बाजार में सब कुछ सही है।" महंगाई पर बढ़ती चिंता के बीच दिग्गज निवेशक ने कहा कि कमोडिटी से जुड़ी महंगाई का बड़ा हिस्सा अब खत्म हो चुका है और भारत में महंगाई दर फिर से 4-4.5 फ़ीसदी के रेंज में आ सकती है।
राकेश झुनझुनवाला की सोच
मोतीलाल ओसवाल ऐसेट मैनेजमेंट (MOAM) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने यह संकेत दिए कि नए जमाने की ट्रैक स्टार्टअप धमाकेदार तरीके से शेयर मार्केट में एंट्री कर रही हैं, लेकिन उनकी इनमें कोई रुचि नहीं है। हाल में ही जोमैटो ने आईपीओ पेश किया है, जबकि पेटीएम अपना आईपीओ लाने वाली है। इसके साथ ही मोबिक्विक, पॉलिसी बाजार जैसी कंपनियां भी अपने आईपीओ लेकर आने वाली है। लिक्विडिटी से भरे बाजार में जोमैटो के आईपीओ को शानदार सब्सक्रिप्शन हासिल हुआ है। ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर के आईपीओ को करीब दो लाख करोड़ रुपये की बोली मिली है। जोमैटो का कारोबार अब तक नुकसान में है लेकिन फिर भी निवेशक उस पर दांव लगाने को तैयार हैं।
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