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आईपीओ में रजनीकांत का रोल, 11 साल पहले शुरू किया था काम, आज इतना है टर्नओवर

Shiddhant Shriwas
28 Aug 2021 11:39 AM GMT
आईपीओ में रजनीकांत का रोल, 11 साल पहले शुरू किया था काम, आज इतना है टर्नओवर
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फ्रेशवर्क्स 'रेडी टू गो' सॉफ्टवेयर बनाता है जिसे इस्तेमाल में लेना आसान है. इसके लिए कंपनी ने अपना कस्टमर केयर कॉल सपोर्ट भी बनाया है जहां किसी भी वक्त जानकारी ली जा सकती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कस्टमर सर्विस मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म जैसी सर्विस देने वाली कंपनी फ्रेशवर्क्स अपना आईपीओ लाने जा रही है. इस कंपनी ने अमेरिका में 10 करोड़ डॉलर यानी कि तकरीबन 730 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने के लिए सभी जरूरी कागजात जमा करा दिए हैं. इस कंपनी के संस्थापक और सीईओ गिरीश मातृभूतम हैं. इनका नाम भारत के उन बिजनेसमैन में शामिल है जिन्होंने बहुत कम समय में अपने स्टार्टअप को नए मुकाम पर पहुंचाया है. फ्रेशवर्क की स्थापना साल 2010 में हुई थी और महज 11 साल में इस कंपनी की पूरी पूंजी लगभग 3.5 अरब डॉलर की है. अभी हाल में इस कंपनी ने अपना एक साल का रेवेन्यू 30 करोड़ डॉलर का बताया था.

फ्रेशवर्क्स के सीईओ गिरीश मातृभूतम साउथ एक दिग्गज एक्टर रजनीकांत के बहुत बड़े फैन बताए जाते हैं. फ्रेशवर्क्स की शुरुआत पहले फ्रेशडेस्क के नाम से हुई थी और मातृभूतम का ऑफिस पहले चेन्नई में चलता था. बाद में वे अमेरिका शिफ्ट हो गए, लेकिन उनका सपना था कि वे अपने चेन्नई ऑफिस में एक न एक दिन रजनीकांत को जरूर लेकर आएंगे. मातृभूतम ने अपने आईपीओ का कोड भी रजनीकांत को समर्पित करने का फैसला किया है.

आईपीओ में रजनीकांत का रोल

फ्रेशवर्क्स ने अपने आईपीओ का कोडनेम प्रोजेक्ट सुरस्टार रखा है. यह नाम तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सिने नायक रजनीकांत से प्रेरित है. मातृभूतम रजनीकांत को अपना गुरु मानते हैं, वे ही उनके रोल मॉडल हैं जिनसे प्रेरणा लेकर बिजनेस शुरू किया. फ्रेशवर्क्स का आईपीओ साल 2021 में ही आएगा. फ्रेशवर्क्स भारत की लीडिंग सॉफ्टवेयर कंपनी है जो सर्विस या SaaS firms के तौर पर काम करती है. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस कंपनी का लक्ष्य 10 अरब डॉलर की कंपनी बनने का है.

आज इस कंपनी के दफ्तर दुनिया के कोने-कोने में फैले हैं जिनमें पेरिस, नीदरलैंड्स और फ्रांस जैसे देश शामिल हैं. ऐसे कई देशों में फ्रेशवर्क्स अपना कॉरपोरेट नेटवर्क बढ़ा रहा है. लंदन में भी इसका ऑफिस है जहां इसे और भी विस्तार दिया जा रहा है. फ्रेशवर्क्स में स्टीडव्यू कैपिटल, एस्सेल, कैपिटल जी, सिकोइआ कैपिटल, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट जैसी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है.

कंपनी का बिजनेस मॉडल

इस कंपनी का बिजनेस मॉडल अपमार्केट सेल्स और उसके प्रोडक्ट पर आधारित है. सेल्स मॉडल पर इस कंपनी ने बहुत अच्छा काम किया है. फ्रेशवर्क्स का मानना है कि बिजनेस सॉफ्टवेयर महंगा है और इस्तेमाल करने में पेचीदा भी. लोग इन सॉफ्टवेयर से काम करने के लिए घंटों का वक्त गुजारते हैं. बाद में कंपनियों को लोगों को हायर करना पड़ता है ताकि इन सॉफ्टवेयर को चलाया जा सके, उससे काम हो सके. दूसरी ओर फ्रेशवर्क्स 'रेडी टू गो' सॉफ्टवेयर बनाता है जिसे इस्तेमाल में लेना आसान है. इसके लिए कंपनी ने अपना कस्टमर केयर कॉल सपोर्ट भी बनाया है जहां किसी भी वक्त जानकारी ली जा सकती है.

पहले फ्रेशडेस्क था नाम

फ्रेशवर्क्स की शुरुआत एक स्टार्टअप के तौर पर साल 2010 में की गई थी. इस काम में गिरीश मातृभूतम और शान कृष्णसामी ने एकसाथ बड़ा रोल निभाया था. दुनिया में पहले से बनने वाले बिजनेस सॉफ्टवेयर की खामियों और उसकी पेचीदगी को देखते हुए दोनों ने आसान सॉफ्टवेयर बनाने का फैसला किया और इसके लिए कस्टमर को कॉल सेंटर का लाभ भी दिया. कंज्यूमर्स की सुविधाओं को देखते हुए क्लाउड आधारित क्लायंट सर्विस सॉफ्टवेयर बनाया गया. साल 2017 में फ्रेशडेस्क का नाम बदल कर फ्रेशवर्क्स कर दिया गया. यह कंपनी लोगों के बिजनेस में सुधार और तेजी लाने के लिए सॉफ्टवेयर के साथ कस्टमर सर्विस मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है.

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