मनीष माहेश्वरी ट्वीटर इंडिया के सीईओ थे। जबकि तनय प्रताप माइक्रोसॉफ्ट के चीफ टेक्निकल ऑफिसर थे। लेकिन 6 माह पहले दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ दी और रखी दुनिया के 3D लर्निंग वर्चुअल लर्निंग प्लेटफॉर्म की नींव। यह एक स्टार्टअप है, जिसे इनवैक्ट मेटावर्सिटी के नाम से जाना जाता है। इस स्टार्टअप को दुनियाभर से करीब 70 लोगों ने फंडिंग की है। इस एड-टेक बेस्ड प्लेटफॉर्म में दुनियाभर से करीब 70 लोगों ने 50 लाख डॉलर (करीब 37 लाख रुपये) का निवेश किया है। इनमें भारत की अरकम वेंचर्स और एंटलर, जर्मनी की पाइकस कैपिटल, सिंगापुर की एम वेंचर पार्टनर्स, दुबई की BECO कैपिटल और अमेरिका की 2am VC शामिल हैं। ये निवेश ऐसे समय पर आया है जब कुछ दिन पहले ही कई क्षेत्रों के सफल वैश्विक उद्यमियों ने 3.3 करोड़ डॉलर की वैल्युएशन पर इनवैक्ट मेटावर्सिटी में निवेश किया था।
क्या है इनवैक्ट मेटावर्सिटी
इनवैक्ट मेटावर्सिटी दुनिया का पहला 3D इमर्सिव वर्चुअल लर्निंग प्लेटफॉर्म है। ये दुनिया के किसी भी कोने में मौजूद छात्रों को एनिमेटेड अवतार्स के जरिए अन्य छात्रों और अपने शिक्षकों के साथ संवाद करने की सुविधा देता है। छात्रों को वर्चुअल दुनिया में एक साथ घूमने की सुविधा देकर यह उन्हें एक-दूसरे से सीखने का मौका देता है और ऑनलाइन शिक्षा को एक कम्युनिटी टच देता है जो अभी तक गायब था।
इनवैक्ट मेटावर्सिटी के संस्थापक और CEO मनीष माहेश्वरी ने कहा, "मेटावर्स एक ऐसा कंसेप्ट है जो ऐसे मुकाम पर खड़ा है जहां ये शिक्षा क्षेत्र को बदलने में एक बड़ा कारक साबित होगा। हम इस निवेश का इस्तेमाल मेटावर्सिटी प्लेटफॉर्म की प्रोडक्ट और तकनीकी टीम को मजबूत करने, अपनी तरह का पहला वर्चुअल पाठ्यक्रम बनाने और यूरोप और अमेरिका में विस्तार करने के लिए करेंगे।
कंपनी के संस्थापक और CTO तनय प्रताप ने कहा कि मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि शिक्षा एक विशेषाधिकार की बजाय एक अधिकार होना चाहिए। मेटावर्सिटी में हमारा विजन केवल शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करना नहीं है, बल्कि किफायती कीमत पर उच्च-गुणवक्ता की शिक्षा प्रदान करना भी है।