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सरकार की ओर से जानकारी : इस दाल के दाम में आई बड़ी गिरावट, आप भी जानें
Kajal Dubey
26 Feb 2022 3:58 AM GMT
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उड़द दाल का औसत थोक मूल्य
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पिछले एक साल में उड़द की दाल की औसत थोक कीमतों में पांच फीसदी की गिरावट आई है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के लिए कई उपाय किए हैं.
एक साल में घटी हैं उड़द दाल की कीमतें
उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उड़द दाल का औसत थोक मूल्य 25 फरवरी, 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, 9,410.58 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि 25 फरवरी, 2021 को यह कीमत 9,904.39 रुपये प्रति क्विंटल थी. यह 4.99 फीसदी की गिरावट को बताता है. इसी तरह, 24 फरवरी, 2022 को उड़द दाल का औसत थोक मूल्य 9,444.06 रुपये प्रति क्विंटल रही जबकि 24 फरवरी, 2021 को यह कीमत 9,896.95 रुपये प्रति क्विंटल थी.
Urad Dal price reports a sharp drop of 4.99% in All India Wholesale Price https://t.co/YkHj22xH34 @PIB_India @jagograhakjago @PiyushGoyalOffc pic.twitter.com/zAVUxalhOI
— PIB India_Consumer_Food (@PIBConsumerFood) February 25, 2022
दालों पर स्टॉक सीमा को किया गया था नोटिफाई
मई 2021 में, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों की निगरानी करने और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मिल मालिकों, आयातकों और व्यापारियों द्वारा रखे गए दालों के स्टॉक का खुलासा सुनिश्चित करने के लिए परामर्श जारी किया गया था. मूंग को छोड़कर बाकी सभी दालों पर स्टॉक सीमा दो जुलाई, 2021 को अधिसूचित की गई थी.
आयात को लेकर संशोधित आदेश जारी किया गया था
इसके बाद, 19 जुलाई, 2021 को एक संशोधित आदेश जारी किया गया, जिसमें चार दालों, अरहर, उड़द, मसूर, चना पर 31 अक्टूबर, 2021 तक की अवधि के लिए स्टॉक सीमा लागू की गई. सरकार ने 15 मई, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक 'मुक्त श्रेणी' के तहत अरहर, उड़द और मूंग के आयात की अनुमति दी. इसके बाद अरहर और उड़द के आयात के संबंध में मुक्त व्यवस्था को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया था.
आयात से जुड़े नीतिगत उपायों के परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों की इसी अवधि की तुलना में अरहर, उड़द और मूंग के आयात में पर्याप्त वृद्धि हुई है. हालांकि उड़द दाल की औसत थोक बिक्री कीमत एक साल में पांच फीसदी घटी है और इसका असर महंगाई के आंकड़ों में खाद्य महंगाई दर के आंकड़ों पर भी दिखा है.
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