दो महीने से जीएसटी नहीं भरने वालों के मासिक रिटर्न पर रोक
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लगातार दो महीने तक जीएसटीआर-3बी फाॅर्म नहीं भरने वाले कारोबारियों के लिए सितंबर से मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जीएसटी नेटवर्क ने शुक्रवार को आदेश जारी किया है कि जो कारोबारी लगातार दो महीने जीएसटी गणना वाला फार्म नहीं भरेंगे उन्हें एख सितंबर से मासिक रिटर्न फाॅर्म जीएसटीआर-1 भी नहीं भरने दिया जाएगा।
जीएसटीएन के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी कानून की धारा 59(6) के तहत नियमों का पालन नहीं करने वाले कारोबारियों पर यह प्रतिबंध लगाया जा सकता है। कारोबारी हर महीने का जीएसटीआर-1 फॉर्म अगले महीने में 11 दिनों के भीतर दाखिल करता है। इसमें कारोबारी द्वारा की गई उत्पाद या सेवाओं की आपूर्ति का लेखा जोखा होता है। इसी तरह, हर महीने का जीएसटीआर-3बी फॉर्म उसके अगले महीने की 20-24 तारीख के बीच भरा जाता है। इसी फॉर्म में दी गई जानकारियों के तहत कारोबारी पर वास्तविक टैक्स या जीएसटी की गणना होती है। सितंबर से नया नियम लागू होता है, तो ऐसे कारोबारियों को तिमाही रिटर्न फॉर्म भरने में भी मुश्किलें आ सकती हैं।
कारोबारी ऐसे करते हैं खेल
कई कारोबारी जीएसटीआर-1 फाॅर्म तो समय से भरते हैं, क्योंकि इसका मिलान उन कारोबारियों के विवरण से भी होता है, जिन्हें सामान या सेवा की आपूर्ति की जा रही है। लेकिन, अगले महीने भरे जाने वाले जीएसटीआर-3बी फॉर्म में सभी विवरण नहीं देते। इससे कारोबारी पर टैक्स की वास्तविक गणना नहीं हो पाती, जबकि जीएसटीआर-1 फॉर्म में विवरण भरकर कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठा लेते हैं। अब जीएसटीआर-2ए इनवॉइस देने के बावजूद कारोबारी आईटीसी का फायदा नहीं उठा सकेंगे।
जीएसटी विशेषज्ञ अभिषेक जैन का कहना है कि जीएसटीएन का यह कदम नियम तोड़कर टैक्स चोरी करने वाले कारोबारियों के खिलाफ काफी कारगर होगा। यह पूरी व्यवस्था जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन होगी, जिससे कारोबारी जीएसटीआर-1 फाॅर्म भरने के लिए कर अधिकारियों से अलग से अनुमति नहीं ले सकेंगे। सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा, क्योंकि अब इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए सभी कारोबारियों को जीएसटीआर-3बी फॉर्म अनिवार्य रूप से भरना होगा, जो वास्तव में टैक्स की गणना के लिए होता है। इससे पहले सरकार ने रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारियों के ई-वे बिल पर भी रोक लगाई थी।