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कोरोना कहर के बीच रोकी गई करेंसी नोटों की छपाई, 40 परसेंट नोटों की छपाई वाला प्रिंटिंग प्रेस बंद, जानिए वजह

jantaserishta.com
16 April 2021 10:47 AM GMT
कोरोना कहर के बीच रोकी गई करेंसी नोटों की छपाई, 40 परसेंट नोटों की छपाई वाला प्रिंटिंग प्रेस बंद, जानिए वजह
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कैश की बजाय डिजिटल पेमेंट करें...

नई दिल्ली: Printing Currency Notes: कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र के नासिक में करेंसी नोटों की छपाई रोक दी गई है. एहतियातन महाराष्ट्र में ब्रेक द चेन (Break the chain) मुहिम के तहत ये कदम उठाया गया है. यहां नोटों की छपाई 30 अप्रैल तक बंद कर दी गई है.

नासिक प्रेस में रुकी नोटों की छपाई
नासिक की करेंसी सिक्योरिटी प्रेस और इंडिया सिक्योरिटी प्रेस में 30 अप्रैल तक काम बंद कर दिया गया है. इन दोनों ही प्रेस में इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी ही काम करेंगे, जैसे- फायर ब्रिगेड, पानी की सप्लाई और मेडिकल सेवाओं से जुड़े कर्मचारी ही अपनी-अपनी शिफ्ट में काम करेंगे.
40 परसेंट नोटों की छपाई यहीं होती है
इस दौरान नोटों की छपाई से जुड़े लोग नहीं आएंगे इसलिए नोटों की छपाई पूरी तरह बंद रहेगी. आपको बता दें कि भारत में सर्कुलेट होने वाले करीब 40 परसेंट नोट नासिक के करेंसी नोट प्रेस (CNP) में ही छपते है. इन दोनों ही कंपनियों में करीब 3000 कर्मचारी काम करते हैं. इन कर्मचारियों और इनके परिजनों की सेहत की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है.
पिछले साल भी रुकी थी छपाई
पिछले साल भी कोरोना महामारी के चलते करेंसी प्रेस नोट कुछ दिनों के लिए बंद की गई थी. पिछले साल भी नासिक की प्रेस को कुछ दिनों के लिए बंद करना पड़ा था. क्योंकि 40 स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए थे. करेंसी नोट प्रेस, नासिक में हाई क्वालिटी के नोट्स छपते हैं.
कैश की बजाय डिजिटल पेमेंट करें
सरकार ने पिछले साल जब नोटों की छपाई बंद की थी तब लोगों से अपील की थी कि वो कैश की बजाय डिजिटल लेन-देन पर ज्यादा फोकस करें. दरअसल, नोटों से वायरस फैलने का भी खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि कुछ लोग नोट गिनते समय थूक का इस्तेमाल करते हैं, जो कि बेहद खतरनाक है. इसलिए बेहतर होगा आप लेन-देन में नोटों की जगह डिजिटल मोड का इस्तेमाल करें.
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