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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- एयर इंडिया पर फैसले से एविएशन सेक्टर को मिलेगी नई ऊर्जा

Rani Sahu
20 Oct 2021 1:09 PM GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- एयर इंडिया पर फैसले से एविएशन सेक्टर को मिलेगी नई ऊर्जा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया पर फैसले से देश के एविएशन सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी

Air India Privatization: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया पर फैसले से देश के एविएशन सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी. एयर इंडिया का टाटा ग्रुप अधिग्रहण करने वाला है. उन्होंने यह बयान टाटा ग्रुप के एयर इंडिया की बोली जीतने के ऐलान के कुछ हफ्तों बाद किया है. इससे एयरलाइन के विनिवेश का रास्ता साफ हो गया है.

कुशीनगर में भाषण में कही बात
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के बाद अपने भाषण में, मोदी ने यह कहा है कि भारत के एविएशन क्षेत्र को एयर इंडिया पर फैसला नई ऊर्जा देगा.
टाटा के लेटर ऑफ इंटेंट को मंजूर करने के बाद, सेल के लिए शेयर पर्चेस एग्रीमेंट (SPA) पर हस्ताक्षर किया जाएगा. एयर इंडिया के साथ, टाटा ग्रुप कम कीमत वाली एयरलाइंस एयर इंडिया एक्सप्रेस और इक्वल ज्वॉइंट वेंचर AISATS में एयर इंडिया की 50 फीसदी हिस्सेदारी का भी अधिग्रहण करेगी.
एयर इंडिया के लिए टाटा ने लगाई थी 18,000 करोड़ की बोली
आपको बता दें कि टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए टाटा सन्स ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाई थी. जबकि, दूसरे बोलीदाता स्पाइसजेट के अजय सिंह ने 15 हजार करोड़ की बोली लगाई. इस तरह ज्यादा बोली लगाकर टाटा संस यह जीत गई. यह ट्रांजैक्शन दिसंबर 2021 के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है. यानी यह कहा जा सकता है कि इस साल दिसंबर के अंत तक टाटा पूरी तरह एयर इंडिया की मालिक हो जाएगी. टाटा संस के पास एयर इंडिया को वापस आने में कुल 68 साल लग गए. यह साल 1953 था, जब भारत सरकार ने टाटा संस से एयर इंडिया में मालिकाना हक खरीद लिया था. ऐसे में एयर इंडिया को टाटा ग्रुप के पास वापस आने में कुल 68 साल का समय लगा है.
एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दीपम के सचिव तुहीन कांता पांडे ने बताया था कि 31 अगस्त 2021 की तरीख के मुताबिक, एयर इंडिया पर कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपये है.
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रीय एयरलाइंस एयर इंडिया की सेल भारत की निजीकरण की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रहेगा. टाटा ग्रुप घाटे में चल रही एयर इंडिया की बोली का विजेता बनकर उभरा है. ग्रुप को एक लेटर ऑफ इंटेंट भी जारी कर दिया गया था.


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