जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनिया में कच्चे तेल के सबसे बड़े इंपोर्टर चीन में इसकी मांग बेहिसाब बढ़ रही है। यूं तो चीन सरकारका जोर इलेक्टिफिकेशन और मोटर व्हीकल में अधिक से अधिक ई व्हीकल अपनाने पर है। लेकिन तब भी अनुमान है कि वर्ष 2025 तक वहां पेट्रोलियम ईंधनों की डिमांड पीक पर पहुंच जाएगी। इससे दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतें चढ़ रही हैं। कल तो ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) 62 डॉलर प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। जबसे कोविड का प्रकोप हुआ है, तब से पहली बार ऐसा हुआ है कि इसकी कीमत यहां तक आई हो। घरेलू बाजार (Domestic Market) में देखें तो आज यहां लगातार 5वें दिन दोनों ईंधनों में आग लगी। दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल जहां 30 पैसे बढ़ कर 88.44 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया वहीं डीजल तो 36 पैसे प्रति लीटर की छलांग लगा कर 78.74 रुपये प्रति लीटर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। इस समय लगभग हर शहरों में दोनों ईधनों के दाम ऑल टाइम हाई (All Time High) पर चल रहे हैं।