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अगले 60 दिनों में फिर बढ़ने वाले हैं नई कारों के दाम, फटाफट कर लें खरीदारी

Gulabi
15 Feb 2021 1:36 PM GMT
अगले 60 दिनों में फिर बढ़ने वाले हैं नई कारों के दाम, फटाफट कर लें खरीदारी
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नए साल की शुरुआत के साथ ही ज्यादातर ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने वाहनों की कीमत बढ़ा दी है

नए साल की शुरुआत के साथ ही ज्यादातर ऑटोमोबाइल कंपनियों (Automobile companies) ने अपने वाहनों की कीमत बढ़ा दी है. इसकी वजह है कार कंपनियों को मांग के मुताबिक स्टील उपलब्ध न होना. अगर आप इन दिनों नई कार खरीदने का मूड बना रहे हैं तो जल्द ही ये काम कर लें, क्योंकि एक बार फिर से स्टील के दाम में इजाफा हुआ है ऐसे में कई ऑटो कंपनियां दोबारा से अपने व्हीकल्स की कीमतें बढ़ा सकती हैं.


दरअसल कच्चे माल की लागत में वृद्धि ऑटो उद्योग में मूल्य वृद्धि के दूसरे दौर को ट्रिगर करने के लिए सेट की गई है, निर्माताओं ने 1-3 प्रतिशत के मार्कअप का संकेत दिया है. महिंद्रा एंड महिंद्रा, आयशर मोटर्स और अशोक लीलैंड जैसी कंपनियां अप्रैल-मई में कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं, इससे स्टील, एल्यूमीनियम और दूसरी धातुओं की लागत में तेज बढ़ोतरी को बेअसर किया जा सकता है. फिलहाल स्टील कंपनियां व्हीकल कंपनियों का 60-70 फीसदी ऑर्डर ही पूरा कर रही हैं. अगर यही हाल रह अतो आने वाले समय में स्थिति और बिगड़ सकती है. फिनिश्ड स्टील के ज्यादा निर्यात को इसकी एक बड़ी वजह माना जा रहा है.
क्या है ऑटो कंपनियों की राय
आयशर मोटर्स के एमडी सिद्धार्थ ने कहा, "हम शायद अप्रैल में फिर से कीमतों में वृद्धि करेंगे. अब तक हमने भारत में और ग्लोबल लेवल पर प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया है, लेकिन कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी होने की वजह से हमारी गाड़ियों की कीमत भी तेजी से बढ़ी हैं,."इसी के साथ रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिलों की कीमतों में भी वृद्धि होगी.
अशोक लीलैंड के CFO और डायरेक्टर गोपाल महादेवन ने कहा, "हम पहले ही अक्टूबर में और उसके बाद जनवरी में कीमतें बढ़ा चुके हैं लेकिन स्टील की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. अगर यह जारी रहता है, तो हमारे पास कीमतों को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा."
एसोसिएशन ऑफ इंडियन फोर्जिंग इंडस्ट्री के अध्यक्ष विकास बजाज ने कहा कि स्टील मिलों ने जनवरी में 7,250 रुपये प्रति टन की एक और कीमत की मांग की थी, लेकिन उस मांग को कमजोर कर दिया गया है. बजाज ने कहा, "अब ओईएम और स्टील मिलों के बीच चर्चा चल रही है और कुछ मूल्य वृद्धि पर सहमति होगी, लेकिन समस्या सप्लाई की है." अगर कंपनी 100 टन का ऑर्डर करती है तो केवल 20-30 टन स्टील ही उपलब्ध करवाया जा रहा है. स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी ने फोर्जिंग स्टील निर्माताओं को भी प्रभावित किया है, क्योंकि स्टील आमतौर पर फोर्जिंग के पूर्व-कारखाने मूल्य का 60-65% होता है.
स्टील की कीमतों का ऑटो सेक्टर पर सीधा असर
कीमतों पर जाएं तो पिछले एक साल में स्टील के दाम में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसी के साथ घरेलू स्टील की कीमत 57,250 रुपए प्रति टन हो गई है. सालभर पहले स्टील की कीमत लगभग 37,500 हजार रुपए प्रति टन थी. भारत में कुल कंज्यूम किए जा रहे स्टील में 15 से 17 फीसदी हिस्सा ऑटो सेक्टर को जाता है. यही वजह है कि ज्यादातर व्हीकल कंपनियों ने 2021 से अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ा दिए हैं और आगे भी कई कंपनियां अपनी कीमतें बढ़ा सकती हैं. इसमें हुंडई, महिंद्रा, मारुति और दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियों के नाम भी शामिल हैं.


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